चेन्नई : पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को रिहा करने के विरोध में कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई ने गुरुवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में 'मूक' प्रदर्शन किया, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर इस मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने कहा कि ए. जी. पेरारिवलन की रिहाई और प्रमुख सहयोगी दल द्रमुक द्वारा इसका समर्थन करने के विरोध में उसके रुख का गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
कुछ दिन पहले सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने कांग्रेस को राज्यसभा की एक सीट आवंटित की थी, जिस पर जल्द ही कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाएगी. कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोनों ने ही पेरारिवलन की रिहाई का विरोध किया है. दोनों दलों ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पेरारिवलन को 'निर्दोष' घोषित नहीं किया है और उसकी रिहाई केवल न्यायिक प्रकृति की है. राष्ट्रीय स्तर पर विरोधी दलों ने इस मामले में पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने के बारे में जानने की इच्छा जताई.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुंह पर सफेद कपड़ा बांधकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन किया. तमिलनाडु कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के. एस. अलागिरी ने कुड्डालोर जिले के चिदंबरम में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पेरारिवलन को निर्दोष घोषित नहीं किया है और न ही यह कहा कि उसका राजीव गांधी की हत्या से कोई संबंध नहीं था. उन्होंने कहा कि न्यायालय ने उसे कानूनी प्रक्रिया और राज्यपाल द्वारा निर्णय लेने में देरी के आधार पर रिहा किया.
अलागिरी ने कहा कि पेरारिवलन की रिहाई के समर्थन में एक महत्वपूर्ण दलील दी जा रही है कि वह तमिल है. उन्होंने कहा कि क्या यह न्याय है कि किसी हत्यारे की रिहाई की मांग सिर्फ इसलिए की जाए क्योंकि वह तमिल है. यह पूछे जाने पर कि पेरारिवलन की रिहाई के मुद्दे का द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन पर कोई असर पड़ेगा, अलागिरी ने कहा कि हर राजनीतिक दल का एक रुख होता है और हम आपको अपना रुख बता रहे हैं तथा वे अपना रुख बता रहे हैं.