चंडीगढ़: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में प्रभारी के तौर पर अहम भूमिका निभाने वाले रणदीप सुरजेवाला पर फिर से पार्टी हाईकमान ने भरोसा जताया है. कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने रणदीप सुरजेवाला को मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है. इस वक्त उनके पास कर्नाटक के प्रभारी का चार्ज भी है. बता दें कि रणदीप सुरजेवाला ने कर्नाटक के प्रभारी के तौर पर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई थी.
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कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी 224 विधानसभा सीटों में से 135 सीटें जीतने में कामयाब हुई. कर्नाटक की इस जीत में हरियाणा के दिग्गज नेता और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और उनकी टीम का अहम योगदान रहा. कर्नाटक चुनाव को लेकर उनकी बनाई गई रणनीति का पार्टी को लाभ हुआ था. कर्नाटक की सफलता को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने फिर से उन पर भरोसा जताया है. मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य में विधानसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है.
कांग्रेस हाईकमान की तरफ से जारी लेटर इस बात की उम्मीदें भी पहले से जताई जा रही थी कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत के बाद रणदीप सुरजेवाला का कद और बढ़ सकता है. उनकी मध्य प्रदेश की प्रभारी के तौर पर नियुक्ति इस बात की तस्दीक करती है. सुरजेवाला के कांग्रेस पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज भी रह चुके हैं. इसके साथ ही वो पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी भी हैं. कर्नाटक में सुरजेवाला को पहली बार किसी राज्य के प्रभारी के तौर पर इंडिपेंडेंट काम करने का मौका मिला था.
कर्नाटक प्रभारी के तौर पर उन्होंने जिस तरीके से पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में लाया उसने उनके कद को पार्टी में और बढ़ा दिया. कर्नाटक के प्रभारी के तौर पर रणदीप सुरजेवाला ने पार्टी हाईकमान को चुनाव से एक महीने पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा करने की सलाह दी थी. इसके पीछे उनका तर्क था कि अगर कोई नेता किसी उम्मीदवार का विरोध भी करता है तो उसको शांत करने का पार्टी के पास मौका रहेगा.
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इतना ही नहीं कर्नाटक में उन्होंने गुटबाजी को जिस तरीके से अंडर कंट्रोल रखा. वो भी उनकी परिपक्वता का उदाहरण है. उन्होंने कर्नाटक में पार्टी के वर्तमान सीएम और डीके शिव कुमार के साथ मिलकर जिस तरीके से पूरे चुनाव अभियान को जारी रखा, उसने भी उनकी और उनकी टीम की रणनीतिक सूझबूझ का परिचय दिया. उन्होंने पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी को चुनाव के दौरान नहीं पनपने दिया. अब मध्यप्रदेश में भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए अहम जिम्मेदारी सौंपी है.