नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस की ओर से जातिगत जनगणना की मांग को समाज के पिछड़े वर्गों के लिए उसका ‘आंसू बहाना’ करार दिया और कहा कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी को यह मांग करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद उसने कभी जातिगत जनगणना नहीं कराई.
भाजपा के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के अध्यक्ष और पार्टी के संसदीय बोर्ड के सदस्य के. लक्ष्मण ने ‘भाषा’ से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी के नेता राहुल गांधी से यह सवाल पूछा कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस ने कभी जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवाई?
लक्ष्मण ने कहा, ‘‘खरगे जी हों या राहुल गांधी जी हों, मैं सीधा सवाल पूछना चाहता हूं कि 1931 के बाद देश में जातिगत जनगणना कब हुई? सच्चाई ये है कि आजादी के बाद देश में कभी भी जातिगत जनगणना नहीं हुई. कांग्रेस इतने सालों तक सत्ता में रही. उसे जाति आधारित जनगणना की मांग करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.’’
ज्ञात हो कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि देश में हर 10 साल पर होने वाली जनगणना को कराया जाए और व्यापक जाति आधारित जनगणना को इसका अभिन्न हिस्सा बनाया जाए.
उन्होंने यह आग्रह ऐसे वक्त में किया है, जब राहुल गांधी ने कर्नाटक में रविवार को एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री मोदी को 2011 में हुई जाति आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की चुनौती दी और आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग की.
लक्ष्मण ने कहा कि भाजपा जाति आधारित जनगणना के खिलाफ नहीं है लेकिन यह जटिल प्रक्रिया है और इसके लिए काफी अध्ययन की आवश्यकता होती है.
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें समय लगता है. इसमें काफी जटिलताएं भी हैं. सिर्फ चुनाव के समय मांग उठाने से नहीं होता है.’’
राज्यसभा के सदस्य लक्ष्मण ने कहा कि इतने सालों तक कांग्रेस ने देश के कई राज्यों में भी शासन किया लेकिन कभी वहां भी जातिगत जनगणना नहीं कराई और कहीं अगर उसने कराई भी तो आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए.