नई दिल्ली: पंजाब में कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर दलित कार्ड खेला है. कांग्रेस का मानना है कि चरणजीत सिंह चन्नी के जरिए पार्टी उत्तर प्रदेश में भी दलित समुदाय का विश्वास हासिल कर सकेगी.
इस मुद्दे पर 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए यूपी कांग्रेस के नेता विवेक बंसल ने कहा, 'कांग्रेस एक अखिल भारतीय पार्टी है और देश के एक हिस्से में जो भी फैसला करेगी, निश्चित रूप से इसका बाकी राज्यों में व्यापक प्रभाव पड़ेगा, जहां पार्टी की बड़ी उपस्थिति है. जिस वोट बैंक के बारे में हम बात कर रहे हैं या यहां तक कि एससी समुदाय के साथ-साथ ओबीसी के संदर्भ में भी इसका यूपी पर जबरदस्त प्रभाव पड़ेगा.'
हालांकि, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा, जिसका राज्य में दलितों का बहुत मजबूत वोट आधार है. इसके अलावा, बसपा आगामी विधानसभा चुनावों के लिए दलित-ब्राह्मण सामाजिक गठबंधन बनाने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रही है. 2007 के चुनावों के दौरान भी उसका ये प्रयोग काफी सफलता रहा था.
'अंतर्विरोध से जूझ रही बसपा'
बंसल ने कहा, 'बसपा अपने ही अंतर्विरोध में मुरझा रही है. वे अन्य जातियों और वर्गों को लुभा रहे हैं, जबकि उनके अपने कैडर को हाशिए पर या नजरअंदाज कर दिया गया है इसलिए उनके जनाधार में तेजी से गिरावट आई है.'
उन्होंने कहा, 'चाहे ब्राह्मण समुदाय हो या कोई अन्य, वे उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. स्पष्ट कारण यह है कि एक विशेष जाति को रिझाने की कोशिश की जा रही है. उन्हें लगता है कि यह राज्य की वर्तमान व्यवस्था है, जबकि उन्हें प्रशासन और राज्य पर शासन करने वाली पार्टी द्वारा बहुत लंबा समय दिया जा रहा है.'