नई दिल्ली :कांग्रेस ने सोमवार को सहयोगी राजद की प्रतिक्रिया पर ज्यादा तवज्जो नहीं दिया है. बता दें कि राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा, "केवल कांग्रेस ही भाजपा को हरा सकती है" जिसपर राजद ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है. एआईसीसी के बिहार प्रभारी सचिव अजय कपूर ने ईटीवी भारत को बताया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि हम (कांग्रेस) एक राष्ट्रीय पार्टी हैं. हम देश भर में खुद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहे हैं. अब हमें लोकसभा चुनाव-2024 पर ही ध्यान केंद्रित करना होगा और इसकी तैयारी में जुटना होगा.
“राहुलज गांधी सही कह रहे हैं. क्षेत्रीय दल भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकते. कपूर राजद सांसद मनोज झा द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों का जवाब दे रहे थे, जहां उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल एक मजबूत खिलाड़ी थे और कांग्रेस को सह-यात्री की तरह काम करना चाहिए. राहुल गांधी ने रविवार को चिंतन शिविर के समापन दिवस पर कहा था कि कांग्रेस एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जो भाजपा को वैचारिक रूप से हरा सकती है और क्षेत्रीय दल केवल जाति पर आधारित है और भगवा पार्टी द्वारा प्रस्तुत विपक्ष के सामने चुनौती का सामना करने में सक्षम नहीं है.
कपूर ने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव-2024 के साथ-साथ राज्य के चुनावों में सार्थक गठबंधन की उम्मीद है. लोकसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती है. राज्य के चुनाव बाद में निपटाए जाएंगे. अभी हमारा ध्यान राष्ट्रीय चुनावों पर केंद्रीत है. बिहार में स्थित राजद 2004 से राज्य और राष्ट्रीय चुनावों में कांग्रेस की सहयोगी रही है. यहां तक कि केंद्र में पिछली यूपीए सरकार में भी सहयोगी थी. लोकसभा चुनाव-2019 में दोनों दलों ने संयुक्त रूप से चुनाव लड़ा था परंतु राजद का स्कोर शून्य थी जबकि कांग्रेस को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 1 सीट किशनगंज मिली थी. बीजेपी-जेडीयू गठबंधन को 39 सीटें मिली थीं. तभी से कांग्रेस पूर्वी राज्य में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की जुगत में है और राज्य इकाई में सुधार की प्रक्रिया में है.
कांग्रेस ने राज्य में फिर से संगठित होने के लिए चंपारण से महात्मा गांधी के नाम पर एक यात्रा शुरी करने की योजना बनाई थी. हालांकि अंतिम समय में कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. इसके साथ राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख एमएम झा को इस्तीफा देने के लिए कहा गया. कपूर ने कहा, अब चितन शिविर समाप्त हो गया है, नई टीम को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा और कांग्रेस राज्य में खुद को मजबूत करेगी. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि कहना आसान है परंतु करना काफी मुश्किल है. बिहार में सालों से संगठनात्मक मुद्दों पर ध्यान नहीं दिए जाने को देखते हुए कहा गया कि यह करना आसान था.
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