अहमदबाद : गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा. साल 2017 के चुनावों में जहां पार्टी ने 77 सीटें जीतीं थीं, वहीं इस बार कांग्रेस केवल 17 सीटों पर जीत हासिल कर पाई है. वहीं, अब पार्टी के नेृतृत्व को लेकर सवाल उठने लगे हैं. पार्टी की इस हार को लेकर वडगाम से नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि उन्हें खेद है कि चुनाव के दौरान उनका पूरा इस्तेमाल नहीं किया गया.
गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी ने कहा, "मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि जब कांग्रेस के पास मेरे जैसा चेहरा है, जो लोगों की कल्पना को पकड़ सकता है, जिसकी विश्वसनीयता है, जो भाजपा विरोधी है और उसके अच्छे फॉलोअर्स हैं, तो वह राज्यभर में जनसभाओं को संबोधित क्यों नहीं कर सका? मुझसे जनसभा करवानी चाहिए थी, लोगों के बीच, दलितों में ऊर्जा भरने के लिए." गौरतलब है कि जिग्नेश मेवाणी ने 2017 में कांग्रेस द्वारा समर्थित निर्दलीय के रूप में अपना पहला चुनाव जीता था. उनके अभियान के दौरान कांग्रेस के एक अन्य युवा नेता कन्हैया कुमार, राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के साथ मेवाणी के लिए प्रचार करने पहुंचे थे.
बता दें कि कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में नाम होने के बावजूद जिग्नेश मेवाणी ने केवल उत्तर गुजरात की कुछ सीटों और अहमदाबाद के वेजलपुर निर्वाचन क्षेत्र में जनसभाओं को संबोधित किया था. इनमें से अधिकांश का आयोजन उनके द्वारा अपना नामांकन दाखिल करने के बाद किया गया था, जब वो अपने खुद के अभियान में भी फंस गए थे. मेवाणी ने हर बैठक में बिलकिस बानो मामले में गैंगरेप और हत्या के दोषियों की सजा में विवादास्पद छूट का मुद्दा उठाया.
रैलियों और जनसभाओं के लिए पैसे की कमी को स्वीकार करते हुए जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि भाजपा अब एक पार्टी नहीं बल्कि एक विशाल कॉर्पोरेट इकाई है. उन्होंने कहा, "बीजेपी के पास अकूत पैसा है जिसकी देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी कभी उम्मीद नहीं कर सकती है. अगर हम अलग-अलग दिशाओं पर फोकस कर सकते हैं. होर्डिंग्स पर एक लाख रुपये के बजाय 15 लाख रुपये खर्च कर सकते, तो हम ज्यादा दिख सकते थे."
जिग्नेश ने कांग्रेस से गहन आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान करते हुए कहा, "मैं इस पद के लिए नया हूं, लेकिन हमें एक साथ बैठना होगा और मैराथन सत्र करना होगा. हमें लोगों के पास एक नई रणनीति, नई योजना, ऊर्जा और दृष्टि के साथ जाना होगा. हमें मोहल्लों और शहरों में जाने की जरूरत है, कोई दूसरा विकल्प नहीं है."