नई दिल्ली :कांग्रेस ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग (Congress demands Presidents rule) करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र दोनों सरकारें संविधान के अनुसार काम नहीं कर रही हैं.
मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी भक्त चरण दास ने कहा, 'हम मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हैं. राज्य और केंद्र सरकार संविधान के अनुरूप काम नहीं कर रही हैं. हिंसा प्रभावित राज्य में तेजी से शांति स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति शासन ही उपयुक्त है.'
उन्होंने कहा कि 'मैंने पिछले कुछ दिनों में नार्थ ईस्ट स्टेट का दौरा किया है. मैंने हाल की घटना पर पार्टी नेताओं और स्थानीय लोगों से बात की है. मैतेई समुदाय लंबे समय से एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है. मैतेई और जनजाति समुदाय दशकों से वहीं शांति से रहते आए हैं, तो फिर अब क्या हुआ. ये दिखाता है कि हाल की हिंसा पूर्ण नियोजित थी.'
गुरुवार को मणिपुर से लौटे दास के मुताबिक ' राज्य और केंद्र सरकार दावा कर रही हैं कि अशांत राज्य में सबकुछ सामान्य है. हालांकि दोलैथाबी इलाके में अब भी फायरिंग और आगजनी की घटनाएं सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि 'मैं इस बात से हैरान हूं कि हिंसा प्रभावित राज्य में शांति के लिए न तो प्रधानमंत्री न ही गृह मंत्री की ओर से कोई ट्वीट किया गया.
उन्होंने कहा कि 'कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हे खिड़की से एक जलता हुआ घर दिखाया. हमारे राज्य के नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी भाग लिया. हम शांति की जल्द से जल्द बहाली की दिशा में योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
मणिपुर के एआईसीसी प्रभारी ने आरोप लगाया कि भाजपा के एक युवा नेता ने हाल ही में चुराचांदपुर इलाके में आदिवासी छात्रों द्वारा आयोजित एक रैली में भाग लिया था जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी.