नई दिल्ली :फ्रांस की एक रिपोर्ट के बाद राफेल सौदे के बारे में नए खुलासे किए गए हैं. कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि डसॉल्ट द्वारा एक बिचौलिए को 1.1 मिलियन यूरो का भुगतान किया गया. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि डसॉल्ट एविएशन से भारत का सबसे बड़ा रक्षा सौदा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने वाला है. यह क्रोनी कैपिटलिज्म (सहचर पूंजीवाद) की संस्कृति को बढ़ावा देने वाला है. उन्होंने कहा कि इस रक्षा खरीद प्रक्रिया में निर्धारित अनिवार्य पहलुओं की उपेक्षा की गई.
कांग्रेस ने लगाए आरोप
कांग्रेस ने कहा रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत भारत सरकार की नीति है कि प्रत्येक रक्षा खरीद अनुबंध में एक 'इंटेग्रिटी क्लॉज' होगा. इससे किसी भी बिचौलिया को कमीशन या रिश्वत का भुगतान नहीं हो सकता है. बिचौलिया को कमीशन या रिश्वत का कोई भी साक्ष्य मिलता है, तो आपूर्तिकर्ता रक्षा कंपनी पर प्रतिबंध लगाने, अनुबंध रद्द करने, एफआईआर दर्ज करने और कंपनी पर भारी वित्तीय जुर्माना लगाने के दंडात्मक अधिकार होते हैं.
2016 में राफेल सौदा
फ्रांसीसी पत्रिका में यह कहा गया है कि 'फ्रेंच एंटी-करप्शन एजेंसी-एएफए' द्वारा की गई जांच से पता चला है कि 2016 में राफेल सौदे के लिए डसॉल्ट ने एक बिचौलिया डिफिस सॉल्यूशंस को 1.1 मिलियन यूरो का भुगतान किया. इस राशि को डसॉल्ट द्वारा ग्राहकों को उपहार के रूप में व्यय दिखाया गया है. बिचौलिए पर अब भारत में एक और रक्षा सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग मामले का आरोप है.