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कोरोना से हुई मौतों की जांच के लिए सरकार गठित करे कोविड आयोग : कांग्रेस

कांग्रेस ने कोरोना महामारी के दौरान हुए कुप्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया. साथ ही मांग की कि सरकार देश में हुई मौतों की वास्तविक संख्या का पता लगाने के लिए सर्वदलीय सदस्यों को शामिल करते हुए एक कोविड आयोग का गठन करे.

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ

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Published : May 6, 2022, 1:19 PM IST

Updated : May 7, 2022, 7:55 AM IST

नई दिल्ली:कांग्रेस ने शुक्रवार को कोरोना महामारी के दौरान हुए अव्यवस्था के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है. साथ ही मांग की कि सरकार देश में हुई मौतों की वास्तविक संख्या का विश्लेषण करने के लिए सर्वदलीय सदस्यों को शामिल करते हुए एक कोविड आयोग का गठन करे. एआईसीसी की विशेष ब्रीफिंग में इसकी घोषणा करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा, “सरकार को तुरंत सर्वदलीय सदस्यों को मिलाकर एक कोविड आयोग का गठन करना चाहिए. जो ऑक्सीजन की कमी, टीकों और दवाओं के मामले में सप्लाई चेन के टूटने और इस तरह की महामारियों के दौरान बेहतर प्रबंधन की योजना के कारण हुई मौतों का विश्लेषण करे.

“सरकार प्रत्येक पीड़ित परिवारों को तुरंत आर्थिक मुआवजा स्वरूप 4 लाख रुपये दे. जैसा कि जानते हैं सरकार कोरोना महामारी के दौरान चिकित्सा सुविधा और देखभाल करने में असफल रही है इसलिए अब सरकार उनको (मृतक परिवार) सम्मान देने के लिए कम से कम यह तो कर ही सकती है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अब तक कोरोना से केवल 5.24 लाख मौतें हुई हैं. इसके खिलाफ कांग्रेस ने लैंसेट ग्रुप और डब्ल्यूएचओ की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया. जिसमें दावा किया गया कि यह संख्या 47 लाख से अधिक है.

वल्लभ ने कहा, "दुनिया ने पवित्र मां गंगा में तैरते शवों की तस्वीरें देखीं." यह देखते हुए कि "सरकार ने अपनी नागरिक पंजीकरण प्रणाली रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि 2020 में मरने वाले 45 प्रतिशत लोगों को मृत्यु के समय कोई चिकित्सा सुविधा नहीं मिला", कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि "सभी तथ्य सरकार के खिलाफ है. वे कोई अनुभवजन्य डेटा या तर्क प्रदान किए बिना विशेषज्ञ पैनल के दावों का खंडन नहीं कर सकते हैं. सरकार को कोरोना महामारी के दौरान हुए अव्यवस्था अर्थात कुप्रबंधन को स्वीकार करना चाहिए.

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि दुनिया ने 2020 और 2021 में महामारी से जुड़ी 1.49 करोड़ से अधिक मौतें देखीं, जबकि दुनिया में कोविड के कारण होने वाली तीन मौतों में से एक भारत में हुई. जनवरी 2020 और दिसंबर 2021 के बीच COVID-19 के कारण भारत में 47 लाख मौतें हुईं, WHO की रिपोर्ट ने दावा किया कि 2020 और 2021 में अधिक मौतों के उच्चतम अनुपात वाले देशों में आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट की गई कोविड -19 मौतों की तुलना में, भारत दूसरे स्थान पर है. 9.9x के अनुपात के साथ, मिस्र (11.6x) से पीछे और पाकिस्तान (8x) से आगे.

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक विश्व स्तर पर जिन मौतों की गिनती नहीं की गई थी, उनमें से लगभग आधी भारत में थीं. कांग्रेस नेता ने केंद्र से पूछा कि जब भाजपा भारत को विश्व मंच पर लाने का दावा करती है. क्या हम भारतीय इस तरह से अपने देश का उल्लेख विश्व मंच पर देखना चाहते हैं ? इसके अलावा वल्लभ ने कहा कि जब एक प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक ने कोविड के कारण मध्य प्रदेश में अधिक मौतों के बारे में बताया, तो उसके कार्यालयों पर राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा छापा मारा गया था, इसलिए अब डब्ल्यूएचओ के साथ भी ऐसा ही होगा. उन्होंने पूछा, “क्या सरकार द्वारा कोविड की मौत के आंकड़ों को कम करके आंकना मृतक के परिवारों को मुआवजे का भुगतान करने से बचने का एक तरीका है.

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Last Updated : May 7, 2022, 7:55 AM IST

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