नई दिल्ली :संसद के बजट सत्र में विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन को लेकर सरकार पर हमला बोला है. ताजा जानकारी के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार और विपक्षी दलों में किसान आंदोलन पर चर्चा के लिए आम सहमति बन गई है.
बता दें, राज्य सभा में किसान आंदोलन के लिए चर्चा शुरू भी हो गई है. यह चर्चा 15 घंटे चलेगी. इस दौरान प्रश्नकाल को भी दो दिन के लिए स्थगित कर दिया गया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया ने कहा कि आज राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि ब्रिटिश शासन के दौरान भी कानूनों को वापस लिया जाता था. वहीं, उन्होंने कहा कि मेरा भी मानना है कि सरकार को बिना चर्चा के इन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर देना चाहिए. पुनिया ने कहा कि पहले दिन से ही किसान यूनियनें मांग कर रही हैं कि सरकार उनकी बात सुनें और इन तीनों कानूनों को वापस ले.
राज्यसभा को संबोधित करते हुए गुलाम नबी आज़ाद ने सरकार से कहा कि तीन कृषि कानूनों को प्रतिष्ठा का मुद्दा ना बनाएं और इन्हें फौरन वापस लें. इसके साथ-साथ उन्होंने 26 जनवरी को दिल्ली हिंसा के बारे में भी कहा कि राष्ट्रीय ध्वज का अनादर कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने भी किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा की जांच की मांग करने वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी सरकार इस मामले में पूछताछ कर रही है.