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कांग्रेस पार्षद हत्या मामला : परिवार वालों ने टीएमसी नेता पर लगाया आरोप, जारी की ऑडियो क्लिप

प. बंगाल में एक कांग्रेस पार्षद की हत्या के मामले में परिवार वालों ने ऑडियो क्लिप जारी की है. इसमें टीएमसी नेता को धमकी देते हुए सुना जा सकता है. हालांकि, टीएमसी ने बचाव किया है. पार्टी का कहना है कि इस टेप की सत्यता संदिग्ध है और अगर यह सच भी है तो इसे हत्या से जोड़ना उचित नहीं है. इस मामले की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी है.

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Published : Apr 5, 2022, 3:47 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कांग्रेस पार्षद तपन कांदू की हत्या के मामले में उनके परिजनों ने मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेता पर आरोप लगाया और साथ ही उसकी धमकी की ऑडियो क्लिप जारी की है. तपन की पत्नी पूर्णिमा कांदू तथा भतीजे मिथुन कांदू ने एक स्थानीय तूणमूल नेता अमल कांदू की धमकी की ऑडियो क्लिप सार्वजनिक की है. पूर्णिमा कांदू ने पत्रकारों से कहा है कि वह यह ऑडियो क्लिप सीबीआई को सौंपेंगी.

अमल कांदू ने बातचीत से इनकार नहीं किया है, लेकिन उसका कहना है कि यह बातचीत हाल में हुये नगर निगम चुनावों से बहुत पहले हुई थी और इसका तपन की हत्या से कोई संबंध नहीं है. तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी अमल का पक्ष लेते हुये कहा है कि सबसे पहले तो ऑडियो क्लिप की सत्यता की जांच होनी है. अगर यह क्लिप सही भी साबित हो गयी तो इस बातचीत को हत्या से जोड़ना गलत है. राज्य पुलिस के विशेष जांच दल ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करके इस मामले को लगभग पूरी तरह सुलझा लिया था.

विशेष जांच दल ने इस संबंध में तपन कांदू के भाई नरेन कांदू और भतीजे दीपक कांदू सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था. इसी बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी और उसे 45 दिन के भीतर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट में पुरूलिया जिला के पुलिस अधीक्षक एस सेल्वामुरुगन ने दावा किया था कि कांग्रेस पार्षद की हत्या पारिवारिक झगड़े का नतीजा है. उन्होंने साथ ही झालदा पुलिस थाने के प्रभारी संजीव घोष को भी क्लिन चिट दी थी.

दरअसल पीड़ित की पत्नी पूर्णिमा कांदू ने पहले यह भी आरोप लगाया था कि झालदा पुलिस थाना प्रभारी उसके पति पर कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल होने का दबाव दे रहा था. पूर्णिमा का यह भी कहना था कि संजीव घोष ने उसके पति को यह प्रलोभन दिया था कि अगर वह तृणमूल में शामिल हो गया तो उसे झालदा नगर निगम में उपाध्यक्ष बना दिया जायेगा.

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