बेंगलुरु:हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री और धारवाड़ ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी विनय कुलकर्णी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें धारवाड़ में 30 दिनों तक रहने की अनुमति मांगी गई थी. कुलकर्णी पर 2016 में भाजपा जिला पंचायत सदस्य योगेश गौड़ा की हत्या की साजिश रचने का आरोप था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कुलकर्णी को जमानत देते हुए चार शर्तें लगाईं, जिसमें यह भी शामिल था कि वह अदालत की अनुमति के बिना धारवाड़ जिले में प्रवेश नहीं कर सकेंगे.
न्यायमूर्ति के नटराजन की अध्यक्षता वाली एकल-न्यायाधीश की पीठ ने पूर्व मंत्री विनय कुलकर्णी द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. न्यायाधीश ने याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि अस्वीकृति के कारणों को आदेश प्रति में स्पष्ट किया जाएगा. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि, 'विनय कुलकर्णी को धारवाड़ में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है. अब वह धारवाड़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. ऐसे में उन्हें वहां जाने की इजाजत दी जाए.
इस पर कोर्ट ने पूछा, 'क्या टिकट जारी करने वाले कांग्रेस हाईकमान को नहीं पता कि आवेदक को धारवाड़ में प्रवेश करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है? उन्होंने टिकट कैसे दे दिया.' अदालत ने कहा, 'सुप्रीम के निर्देश पर ट्रायल कोर्ट ने आदेश दिया है. ऐसे में आप इस बारे में सुप्रीम कोर्ट से पूछ सकते हैं. आपने यहां सवाल क्यों पूछा.'
जानिए क्या है पूरा मामला: विजय कुलकर्णी पर 2016 में भाजपा जिला पंचायत सदस्य योगेश गौड़ा की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. वह सिद्धारमैया की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. बाद में ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया और कुलकर्णी गिरफ्तार हो गए. हत्या के मामले में सीबीआई ने विनय कुलकर्णी सहित आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें पहले आरोपी विनय कुलकर्णी हैं.