नई दिल्ली: कांग्रेस मंगलवार को रॉबर्ट वाड्रा के बचाव में सामने आई, जिन्हें राजस्थान में धोखाधड़ी वाले भूमि सौदों को लेकर भाजपा द्वारा निशाना बनाया गया था. कांग्रेस ने कहा कि निजी व्यवसायी वास्तव में शिकार थे, जबकि भगवा पार्टी मामले में दोषी थी. रॉबर्ट कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद हैं. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'रॉबर्ट वाड्रा वास्तव में पीड़ित हैं, जबकि पिछली भाजपा सरकार फर्जी जमीन आवंटन की दोषी है. भाजपा को अपने लोगों की जांच करने की जरूरत है.'
सुरजेवाला के मुताबिक, राजस्थान में बीकानेर जिले के गजनेर गांव में कुल 32 हेक्टेयर के दो भूखंड वास्तव में भाजपा सरकार द्वारा फरवरी 2007 में दो व्यक्तियों नाथाराम और हरिराम को आवंटित किए गए थे, जिन्होंने नवंबर 2007 में राजेंद्र कुमार और किशोर सिंह नामक दो व्यक्तियों को अपना भूखंड बेच दिया था. 2010 में राजेंद्र कुमार और किशोर सिंह ने उक्त भूखंडों को रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को बाजार दर पर बेच दिया. हालांकि, 2014 में, बीकानेर बंदोबस्त आयुक्त ने उक्त भूमि आवंटन को रद्द कर दिया, जिससे स्काईलाइट द्वारा की गई खरीद अमान्य हो गई.
भूखंड फिर राजस्थान सरकार को वापस कर दिए गए और उसके साथ रहे. 2015 में, उक्त भूमि आवंटन में राज्य सरकार द्वारा चार प्राथमिकी दर्ज की गई थी, लेकिन कहीं भी रॉबर्ट या स्काईलाइट का नाम नहीं आया. बाद में, रॉबर्ट ने अपने पैसे की वसूली के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसे उन्होंने धोखाधड़ी के सौदों के कारण खो दिया था, लेकिन मामला अभी भी लंबित है.
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2015 में जानबूझकर ईडी के पास मामला दर्ज कराया, जिसने रॉबर्ट को समन भेजा. वाड्रा ने ईडी के सम्मन को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिस पर अदालत ने कहा कि निजी व्यवसायी के खिलाफ कोई आरोप नहीं है. अदालत ने ईडी को यह भी निर्देश दिया कि वाड्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए. सुरजेवाला ने बताया कि केंद्र सरकार पिछले आठ सालों से ईडी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर पाई है और कभी-कभार रॉबर्ट और कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाने के लिए मामले का इस्तेमाल करती है.