नई दिल्ली : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट ने बगावत की, जिसके कुछ घंटों बाद कांग्रेस आलाकमान ने कहा कि पार्टी इस साल गहलोत सरकार की उपलब्धियों और संगठन की ताकत को लेकर चुनाव में उतरेगी.
कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, 'अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री के रूप में राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाओं को लागू किया है और कई नई पहल की हैं, जिन्होंने लोगों को गहराई से प्रभावित किया है.'
उन्होंने कहा 'राजस्थान में 'भारत जोड़ो यात्रा' पार्टी संगठन के समर्पण और दृढ़ संकल्प से संभव हुई, यह एक उत्कृष्ट सफलता थी. आने वाले वर्ष में कांग्रेस इन ऐतिहासिक उपलब्धियों और हमारे संगठन के सामूहिक प्रयासों के बल पर लोगों से नए जनादेश की मांग करेगी.'
राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने गहलोत के खिलाफ विद्रोह किया, जिसके कुछ घंटों बाद ही पार्टी की आधिकारिक प्रतिक्रिया आई है. पायलट ने गहलोत के खिलाफ विद्रोह की शुरुआत करते हुए कहा कि वह 11 अप्रैल को एक दिन के उपवास पर बैठेंगे. क्योंकि वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
पायलट ने जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने विचार व्यक्त किए थे. जिसके बाद कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान नेतृत्व पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक बुलाई. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, खड़गे ने गहलोत के साथ जाने का फैसला करने से पहले पायलट के कदम के फायदे और नुकसान पर भी चर्चा की.
पार्टी का आधिकारिक बयान पायलट के लिए स्पष्ट संकेत है कि आलाकमान अनुशासनहीनता का कोई भी कार्य बर्दाश्त नहीं करेगा. सूत्रों ने कहा आलाकमान ने स्वीकार किया कि पूर्व उपमुख्यमंत्री का विद्रोह दुर्भाग्यपूर्ण समय पर आया है, जब कुछ महीने बाद अगले विधानसभा चुनाव होने हैं.