नई दिल्ली: राजस्थान में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, कांग्रेस पार्टी ने अपने नेताओं को नेताओं के खिलाफ टिप्पणी करने से परहेज करने के लिए एक सलाह जारी की, अन्यथा उनके खिलाफ 'अनुशासनात्मक कार्रवाई' की जाएगी. आधिकारिक नोटिस में लिखा है,'यह सलाह दी जाती है कि किसी भी स्तर पर सभी कांग्रेस नेताओं को अन्य नेताओं के खिलाफ या पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सार्वजनिक बयान देने से बचना चाहिए.'
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि अगर एडवाइजरी का उल्लंघन किया जाता है तो कांग्रेस पार्टी के प्रावधानों के तहत सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी. इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नहीं लड़ेंगे. उनकी यह टिप्पणी नई दिल्ली में 10 जनपथ स्थित पार्टी की अंतरिम प्रमुख सोनिया गांधी से मिलने के बाद आई है.
सीएम गहलोत ने कहा, 'मैं कोच्चि में राहुल गांधी से मिला और उनसे (कांग्रेस अध्यक्ष के लिए) चुनाव लड़ने का अनुरोध किया. जब उन्होंने स्वीकार नहीं किया, तो मैंने कहा कि मैं चुनाव लड़ूंगा. लेकिन, अब उस घटना (राजस्थान में राजनीतिक संकट) के बाद मैंने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.' गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनावों के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने और राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन को लेकर राजस्थान में अपने वफादारों द्वारा शुरू किए गए हंगामे के लिए भी माफी मांगी.
गहलोत ने कहा कि पिछले दो दिनों में राज्य में जो कुछ भी हुआ उसने सभी को झकझोर कर रख दिया है. गहलोत ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा, 'मैंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बातचीत की. दो दिन पहले जो कुछ भी हुआ, उसने हमें झकझोर दिया. उन्होंने संदेश दिया कि यह सब हुआ क्योंकि मैं सीएम बनना चाहता था. मैंने उनसे माफी मांगी है.