शिमला: सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की एक साल पूरा होने पर धर्मशाला में हुई रैली को लेकर दावे-प्रतिदावे हो रहे हैं. कांग्रेस ने इस रैली को भव्य और इंप्रेसिव बताया है तो भाजपा का कहना है कि इससे अधिक भीड़ तो उनकी आक्रोश रैलियों में जुटी. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के अनुसार शिमला व जिला मुख्यालयों पर भाजपा की आक्रोश रैलियों में आए लोगों की संख्या को जोड़ें तो संख्या कांग्रेस की धर्मशाला वाली रैली से अधिक रही है. कांग्रेस सरकार की एक साल वाली रैली में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का न आना भी चर्चा में रहा.
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के समारोह में शामिल न होने की चर्चा सबसे अधिक रही. कारण ये था कि प्रियंका गांधी शिमला के छराबड़ा स्थित अपने आवास में थीं, लेकिन वे समारोह में नहीं गई. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे भी रैली में नहीं पहुंचे थे. अलबत्ता पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला और सह प्रभारी तेजेंद्र बिट्टू जरूर समारोह में शामिल रहे. बताया जा रहा है कि प्रियंका वाड्रा ने निजी कारणों से समारोह में न आने का फैसला लिया. इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में एक बैठक में मौजूद रहे. राहुल गांधी की पहले से ही अन्य व्यस्तताएं रहीं.
कांग्रेस के इस एक साल के कार्यकाला का समारोह मनाने पर विपक्षी दल भाजपा ने सवाल उठाए हैं. भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि हम आपदा से उबरने का प्रयास कर रहे राज्य में ऐसे जश्न का क्या औचित्य है? भाजपा ने कांग्रेस पर जनता को ठगने और गारंटियां पूरी न करने का आरोप भी जड़ा. वहीं, रैली में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी सियासी ताकत दिखाई. समारोह में पूरी तरह से सीएम सुखविंदर सिंह का कद नजर आया. कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला ने सीएम की जमकर तारीफ की.
प्रतिभा सिंह ने ओपीएस बहाल करने के लिए सीएम व सरकार का आभार जताया. साथ ही कहा कि आपदा के समय सीएम सुक्खू ने बेहतर काम किया. वहीं, भीड़ देखकर उत्साहित सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी जनता से भावुक संवाद किया. उन्होंने कहा कि गारंटियों को पूरा करना सरकार का धर्म है. उन्होंने मिल्कफेड के जरिए दूध खरीद का मूल्य छह रुपए प्रति लीटर बढ़ाने का ऐलान किया. साथ ही दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदने की भी घोषणा की. इसके अलावा लाहौल-स्पीति की सभी पात्र महिलाओं को डेढ़ हजार रुपए देने और 2.37 लाख महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 1150 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह करने का ऐलान किया.