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कांग्रेस ने केंद्र पर लगाया आरोप, झूठे मुकदमों से राजस्थान, छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने की कोशिश - Congress accuses Centre

कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस का कहना है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकारों को बदनाम करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई की जा रही है. लेकिन इन कार्रवाइयों से राजनीतिक प्रतिशोध लिया जा रहा है, लेकिन इससे परिणामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. congress party, Bharatiya Janata Party, Rajasthan Assebmly Election.

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कांग्रेस पार्टी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 7, 2023, 7:00 PM IST

नई दिल्ली: चुनाव के दौरान झूठे भ्रष्टाचार के आरोपों के माध्यम से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकारों को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि इस तरह के राजनीतिक प्रतिशोध से चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

दोनों राज्यों में चुनावों की निगरानी कर रहे एआईसीसी पदाधिकारियों के अनुसार, राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ हाल ही में ईडी के छापे ने भाजपा की हताशा को दिखाया, जो कठिन समय से गुजर रही थी. एआईसीसी के राजस्थान प्रभारी महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा के अनुसार, भाजपा के पास राज्य में दिखाने के लिए बहुत कम है.

रंधावा ने ईटीवी भारत को बताया कि 'बीजेपी ने हाल ही में बारी विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को लिया और दलबदलू को टिकट दिया. हम जिन्हें छोड़ते हैं, वे उन्हें उठा लेते हैं. अब, भाजपा के पास केवल एक ही उपकरण बचा है, ईडी.' उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में, नेताओं को चुनाव के समय राज्य का दौरा करना चाहिए, न कि ईडी अधिकारियों को.'

उन्होंने कहा कि 'हाल ही में हुई छापेमारी से लोगों में यह संदेश गया है कि गहलोत सरकार ने काम तो किया है, लेकिन बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उसे परेशान कर रही है.' ईडी ने हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को एक पुराने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था और पेपर लीक मामले में राज्य कांग्रेस प्रमुख गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर आवास पर छापेमारी की थी.

एआईसीसी पदाधिकारी ने कहा कि छापेमारी का विपरीत असर हुआ. रंधावा ने कहा कि 'शुरुआत में डोटासरा का चुनाव कठिन लग रहा था, लेकिन ईडी छापों के बाद उनके लिए राह आसान हो गई है. स्थानीय लोग अब हमारी राज्य इकाई के प्रमुख को अन्य निर्वाचन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कह रहे हैं और कह रहे हैं कि वे उनकी जीत सुनिश्चित करेंगे.'

रंधावा ने कहा कि 'राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाएं विशेषकर 25 लाख रुपये तक का निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा लोगों को पसंद आ रहा है. मतदाता अगले कार्यकाल के लिए हमारी सात गारंटी की भी सराहना कर रहे हैं. इसलिए, हमने सात गारंटी को लोकप्रिय बनाने और पार्टी के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने के लिए आज सात राज्यव्यापी यात्राएं शुरू कीं.'

छत्तीसगढ़ में, जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ईडी और आयकर विभाग द्वारा सट्टेबाजी ऐप महादेव के प्रमोटरों से जुड़े होने का आरोप लगाया जा रहा है, पार्टी ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया था. एआईसीसी के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिव सप्तगिरी उलाका ने ईटीवी भारत को बताया कि 'इस तरह का लक्ष्यीकरण पूर्वानुमानित हो गया है.'

उन्होंने कहा कि 'हाल तक पार्टी हलकों में यह मजाक उड़ाया जा रहा था कि चुनाव नजदीक आ रहे हैं लेकिन ईडी अभी तक नहीं आई है. छापेमारी और कुछ नहीं बल्कि मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश है. ऐसा ही प्रयास राजस्थान में भी किया जा रहा है, लेकिन लोग अब समझदार हो गए हैं और खेल समझ सकते हैं.'

एआईसीसी पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी ने महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में राज्य पुलिस द्वारा चल रही जांच से संबंधित कई तथ्य सामने रखे थे, लेकिन केंद्र सरकार ने ऐप पर प्रतिबंध लगाने या दुबई स्थित प्रमोटरों के खिलाफ कार्रवाई करने में अपना योगदान नहीं दिया.

उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने 6 नवंबर को ईडी छापे के समय के बारे में भारत के चुनाव आयोग को अवगत कराने की कोशिश की लेकिन बैठक अचानक रद्द कर दी गई. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि 'इस तरह की छापेमारी उस समान अवसर को बिगाड़ देती है, जो चुनाव के दौरान सभी दलों को उपलब्ध होना चाहिए. लेकिन हम चुनाव आयोग के सामने शिकायत नहीं कर सके.'

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