नई दिल्ली :संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के तहत कांगो में तैनात भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने मध्य अफ्रीकी देश के गोमा शहर के पास ज्वालामुखी फटने के बाद नागरिकों के साथ ही वैश्विक निकाय की परिसम्पत्ति की रक्षा की. यह जानकारी अधिकारियों ने रविवार को दी.
भारतीय सेना ने बढ़ाए मदद के हाथ
बता दें कि शनिवार रात में माउंट नाइरागोंगो ज्वालामुखी लगभग दो दशकों में पहली बार फटा जिसके बाद गोमा में हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर भागना पड़ा. अधिकारियों ने कहा कि भारतीय टुकड़ी की पहल से ज्वालामुखी फटने के बाद नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के अन्य कर्मियों को तेजी से निकालने में मदद मिली.
यूएन के अभियान के तहत भारतीय सेना की मौजूदगी
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने यहां कहा, आसन्न खतरे के मद्देनजर भारतीय दल की कार्रवाई से गोमा में नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य कर्मियों को वहां से निकालने एवं उसकी रक्षा करने में मदद मिली है. संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के तहत कांगो में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण उपस्थिति है, जिसका मुख्यालय पूर्वी शहर गोमा और सीमावर्ती रवांडा में है. भारतीय दल का ब्रिगेड मुख्यालय गोमा हवाई क्षेत्र के निकट स्थित है.
तत्काल सुरक्षित जगह भेजे गए लोग
अधिकारियों ने कहा कि एहतियात के तौर पर, विभिन्न देशों की टुकड़ियों को संयुक्त राष्ट्र की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली द्वारा सतर्क रहने के लिए कहा गया था तथा यह माना गया था कि वहां से निकलने की आवश्यकता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि हालांकि, उड्डयन टुकड़ियों सहित अधिकांश टुकड़ियों को तुरंत वहां से निकाला गया.