नई दिल्ली :कांग्रेस को 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले बदलाव को स्वीकार करना चाहिए और दिग्गजों के अनुभव का फायदा उठाते हुए अधिक युवा नेताओं को लाकर संगठन को मजबूत करना चाहिए.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Harish Rawat) ने ईटीवी भारत से कहा कि 'राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने पार्टी के चारों ओर चर्चा पैदा कर दी है. लोग पार्टी पर अपना प्यार बरसाने के लिए तैयार हैं लेकिन हमें उस स्नेह को बटोरने की जरूरत है. इसके लिए, कांग्रेस को अपने संगठन में सुधार करना चाहिए और अधिक युवा लोगों को विभिन्न भूमिकाओं में लाना चाहिए.'
रावत एआईसीसी संचालन समिति के सदस्य भी हैं. रावत ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में हाल के पूर्ण सत्र में पार्टी संविधान में दूरगामी संशोधनों के बाद सभी पदाधिकारियों में से आधे की उम्र 50 वर्ष से कम और आधे पदाधिकारियों के पद महिलाओं के लिए आरक्षित होने की अनुमति दी गई है. संगठन में विस्तृत परिवर्तन जल्द ही होंगे.
रावत ने कहा कि 'मुझे लगता है कि बदलाव इस महीने के अंत तक या अप्रैल में किए जा सकते हैं.जब इतने बड़े संगठन में सुधार को क्रियान्वित करना होता है, तो इसमें बहुत सारी योजना और चर्चा होती है. सभी सुधार एक बार में नहीं हो सकते हैं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में महत्वपूर्ण बदलाव सामने आएंगे.'
कांग्रेस के दिग्गजों के अनुसार, प्रस्तावित बदलाव युवा नेताओं के लिए बड़े अवसर लाएंगे, लेकिन उन्हें उसका फायदा उठाने और पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए मेहनत के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
रावत ने अपना उदाहरण देते हुए कहा, '1977 में हममें से कई लोगों को पार्टी में बढ़ने का मौका मिला. चूंकि पार्टी सत्ता से बाहर थी, हमने कड़ी मेहनत की और रैंकों के माध्यम से ऊपर उठे. पार्टी युवा नेताओं को अवसर दे सकती है लेकिन उन्हें अपने भीतर एक जुनून पैदा करना होगा.'
अन्य दिग्गजों को सलाह देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें भी बदलाव का स्वागत करना चाहिए, लेकिन याद दिलाया कि पार्टी को वरिष्ठों के अनुभव को अच्छे उपयोग में लाने की कोशिश करनी चाहिए.
रावत ने कहा कि केंद्रीय स्तर पर लंबे समय तक काम कर चुके एक दिग्गज को राज्यों में काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए. उदाहरण के लिए एक अनुभवी व्यक्ति को उसके गृह राज्य की कुछ लोकसभा सीटों का प्रभारी बनाया जा सकता है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा जा सकता है कि पार्टी वहां जीत हासिल करे.
यह स्वीकार करते हुए कि उत्तर प्रदेश जैसे कुछ बड़े राज्यों में संगठन कमजोर हो गया था, अनुभवी नेता ने कहा कि कांग्रेस को अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ काम करने के लिए तैयार रहना चाहिए, प्राथमिक ध्यान अपनी जड़ों को मजबूत करने पर होना चाहिए.
रावत ने कहा कि पार्टी के मजबूत होने पर ही अन्य लोग इसमें आते हैं, इसलिए पार्टी को सबसे पहले संगठन पर ध्यान देना चाहिए. इसका असर इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर नहीं पड़ेगा बल्कि इससे पार्टी को इस साल और 2024 में भी मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि यात्रा ने राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी के महत्व को प्रदर्शित किया और कांग्रेस को और अधिक आक्रामकता के साथ खुद को मुखर करने की आवश्यकता है.
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