नई दिल्ली : कांग्रेस ने मणिपुर में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चरमपंथी संगठनों को 'राज्य सरकार द्वारा करोड़ रुपये का भुगतान किए जाने' के विषय को लेकर शुक्रवार को यहां निर्वाचन आयोग का रुख किया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए मणिपुर का मतलब 'मनीपुर' हो गया है. पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आयोग के पास इस मुद्दे और कुछ अन्य विषयों को लेकर शिकायत की. इस प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और सलमान खुर्शीद शामिल थे.
मणिपुर के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि 'सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन' (गतिविधि के निलंबन) के तहत गत एक फरवरी को चरमपंथी संगठनों को करीब 15 करोड़ रुपये और एक मार्च को करीब 95 लाख रुपये का भुगतान किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि यह भुगतान होने के बाद राज्य के कई इलाकों में डर का माहौल बना हुआ है.
भाजपा के लिए यह मणिपुर नहीं 'मनीपुर' है : जयराम रमेश
रमेश ने कहा, 'हमने चुनाव आयोग को अवगत कराया था और उन्होंने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी. राज्य सरकार ने कहा कि यह सतत चलने वाली परियोजना है. हमारा यह कहना है कि 12 महीने से पैसा नहीं दिया गया, लेकिन चुनाव के समय दिया गया. यह आचार संहिता का सीधा और 'बेशर्मी' से किया गया उल्लंघन है.' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के लिए यह मणिपुर नहीं 'मनीपुर' है. उन्होंने कहा, 'हमने आयोग से यह भी कहा कि आखिरी चरण में कुछ क्षेत्र संवेदनशील हैं. अतिरिक्त सुरक्षा की जरूरत है और हमारे उम्मीदवारों की सुरक्षा की जरूरत है.