नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से दिए गए संबोधन को 'झूठ एवं अतिश्योक्तियों से भरा चुनावी भाषण' करार दिया और तंज कसते हुए कहा कि वह अगले साल अपने आवास पर ही झंडा फहराएंगे. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के इस दावे में अहंकार दिखाई देता है कि अगले साल वह फिर लाल किले से देश को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को विश्वास जताया कि वह अगले साल लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित करेंगे और जनता से किए गए वादों की प्रगति उनके समक्ष प्रस्तुत करेंगे.
लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा.' उनके संबोधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे संवाददाताओं से कहा, 'हर आदमी यही कहता है कि बार-बार जीतकर आऊंगा, लेकिन हराना जिताना मतदाताओं के हाथ में हैं. वह अगले साल झंडा फहराने की बात कर रहे हैं, यह अहंकार है.'
उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘‘वह (प्रधानमंत्री) अगले साल झंडा फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में आरोप लगाया कि '15 अगस्त 2023 को लोगों को यह बताने के बजाय कि उनकी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में क्या हासिल किया है, प्रधानमंत्री मोदी ने झूठ, अतिशयोक्ति और अस्पष्ट वादों से भरा एक बेतुका चुनावी भाषण दिया.' उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने देश को एक साथ लाने, हमारी अब तक की यात्रा का जश्न मनाने, पीड़ितों के दर्द और पीड़ा को स्वीकार करने और आगे आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करने की बजाय इस दिन को अपनी छवि पर केंद्रित रखा.'
रमेश ने दावा किया, 'प्रधानमंत्री ने मणिपुर में हिंसा से हुई तबाही को बमुश्किल संबोधित किया और लापरवाह तरीके से इसकी तुलना देश के अन्य हिस्सों में हुई घटनाओं से की. उन्होंने उन घोर विफलताओं पर कोई दुख या स्वीकारोक्ति नहीं दिखाई जिसके कारण मणिपुर संघर्ष क्षेत्र में तब्दील हो गया.' कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भले ही यह कहा हो कि 'अमृत काल' में भारत माता का कायाकल्प किया जा रहा है, लेकिन पूरे देश ने मणिपुर में उनका हश्र देखा है जहां महिलाओं पर क्रूरतापूर्वक अत्याचार हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह कहना भी असत्य है कि देश में युवाओं के लिए अवसरों की कमी नहीं है. रमेश ने आरोप लगाया, 'स्थानीय संस्कृतियों और भाषाओं पर हमलों और सबसे कमजोर लोगों, विशेषकर दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भीड़ की हिंसा को वैध बनाकर देश की विविधता को निरर्थक बनाया जा रहा है. मोदी सरकार, भाजपा और कट्टर नेतृत्व वाले संघ परिवार द्वारा मीडिया पर नियंत्रण और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से देश का सामाजिक ताना-बाना छिन्न-भिन्न हो गया है.'
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कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मुद्रास्फीति का दोष बाकी दुनिया पर मढ़ने की कोशिश की, जबकि हकीकत यह है कि संप्रग सरकार की अवधि की तुलना में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हैं. प्रधानमंत्री द्वारा किए गए सुधारों को जन विरोधी बताते हुए रमेश ने आरोप लगाया, 'पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी की विफलताओं को तीन शब्दों 'दुर्नीति, अन्याय और बदनीयती’ के रूप में समझा जा सकता है. बयानबाजी और दिखावा अब उस सच्चाई को छिपा नहीं सकता, जो पूरे देश के सामने स्पष्ट है.'
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