नई दिल्ली : हालिया विधानसभा चुनावों में करारी हार का सामना करने के बाद कांग्रेस अब अस्तित्व के संकट के साथ ही विपक्ष के खेमे की अगुवा होने की अपनी भूमिका को बचाए रखने की चुनौती का भी सामना कर रही है. उसके सामने यह चुनौती आम आदमी पार्टी की पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के कारण खड़ी हुई है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की राह बहुत मुश्किल होने जा रही है क्योंकि पार्टी 'आईसीयू' में है और इसमें नई जान फूंकने का कोई त्वरित उपाय नहीं है. आम आदमी पार्टी ने पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा में 92 सीटें हासिल करके न सिर्फ प्रचंड जीत हासिल की, बल्कि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल की जड़ें भी उखाड़ दीं.
कांग्रेस ने न सिर्फ पंजाब जैसे महत्वपूर्ण राज्य की सत्ता गंवाई, बल्कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भी उसे करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. पंजाब में जीत के साथ ही आप के पास दो प्रदेशों की सत्ता आ गई है. कांग्रेस की भी अब सिर्फ दो राज्यों राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता है. महाराष्ट्र और झारखंड की गठबंधन सरकारों में वह एक कनिष्ठ साझेदार की भूमिका में है.
पंजाब में आप के शानदार प्रदर्शन पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है, 'आप की जीत शानदार है और इसकी सराहना करने की जरूरत है. जो भी विपक्षी दल भाजपा को कड़ी टक्कर दे, उसका समर्थन किया जाना चाहिए.' राज्यसभा सदस्य प्रियंका ने कहा, 'यह कांग्रेस के लिए चुनौती होगी या नहीं, इस बारे में कांग्रेस को आत्ममंथन करने की जरूरत है...विपक्ष को मजबूत करने की जरूरत है.'