दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

बैंक का कर्ज अदा नहीं करने वाली गुजराती कंपनी से भाजपा के रिश्ते : पवन खेड़ा - कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि 2014 में सूरत की एक कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (SVLL) द्वारा कथित रूप से 'कमबैक' करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेवाएं प्रदान की गईं.

पवन खेड़ा
पवन खेड़ा

By

Published : Mar 12, 2021, 10:57 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को दावा दिया कि 2014 में सूरत की एक कंपनी सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (SVLL) द्वारा कथित रूप से 'कमबैक' करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सेवाएं प्रदान की गईं. कथित प्रकरण उस समय हुआ जब पीएम मोदी 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे.

शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि 2014 में पीएम मोदी को अनुकूलित लक्जरी बसें प्रदान करने वाली सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एसवीएलएल) ने उसी वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया, जिससे उसका कारोबार 80 फीसदी बढ़ गया.

2002 में अहमदाबाद, गुजरात में पंजीकृत ट्रांसपोर्ट कंपनी एसवीएलएल सूरत के व्यवसायी रूप चंद बैद्य द्वारा चलाई जा रही है. इस दौरान पवन खेड़ा ने यह भी रेखांकित किया कि जब कंपनी 2015 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सबसे बड़े ऋण डिफॉल्टर के रूप में उभरी, तो उसके अधिकारियों ने कहा कि कंपनी पीएम मोदी को सेवाएं प्रदान करने में व्यस्त थी और इस तरह ऋण की अदायगी में देरी हुई.

कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार कंपनी ने 2012 में अपनी 'चलक से मलक' योजना के लिए ऋण लिया था, जिसके तहत उसने दावा किया था कि वह इस्तेमाल किए गए ट्रकों को चालकों को उनकी सहमति के आधार बेचेगी.

एक ऐसी कंपनी जिसने बैंक से ऋण में अनियमितता की हो, जिसके खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया हो, मोदी सरकार ने ऐसी कंपनी को भागीदार के रूप में क्यों चुना?

एसवाईएलएल को बैंक ऑफ महाराष्ट्र से कारोबार करने के लिए लोन मिल गया और किश्तों का भुगतान करने का वादा किया है, जो कभी नहीं हुआ.

उन्होंने यह दावा भी किया कि यह कंपनी भारत में स्वीडिश लक्जरी बस निर्माता कंपनी ‘स्कैनिया’ की साझेदार है तथा इस पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 846 करोड़ रुपये का बकाया है.

खेड़ा ने आरोप लगाया कि एसवीएलएल के मालिक रूप चंद बैद के नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स से जुडे़ बैंक अधिकारियों के साथ संबंध थे. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स आरएसएस से संबंधित भारतीय मजदूर संघ से जुड़ा हुआ संगठन है।

उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी मांग करती है प्रधानमंत्री मोदी इस कंपनी के साथ अपने रिश्ते पर सफाई दें, जिसने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उपभोक्ताओं की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर दिया.

खेड़ा ने कहा कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र द्वारा एक आंतरिक जांच से पता चला है कि जोनल अधिकारियों द्वारा लिए गए भारी जोखिम को मुख्य कार्यालय द्वारा बिना सहमति व्यक्त किए , बोर्ड द्वारा अनुमोदित क्रेडिट नीति के तहत परिभाषित समूह के संपर्क के बारे में अपनी स्वयं की व्यापार नीति का उल्लंघन किया गया.

एसवीएलएल के मालिक रूप चंद बैद्य का हवाला देते हुए, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, डेक्कन जिमखाना शाखा, पुणे के सहायक महाप्रबंधक को संबोधित एक पत्र में प्रतिक्रिया देते हुए, खेड़ा ने कहा कि इससे पहले कि समझौते पर हस्ताक्षर से पहले नरेंद्र मोदी और उनकी टीम द्वारा 3 डी ड्राइविंग के लिए बहुत ही विशेष वाहनों की तैयारी में व्यस्त थी.

इसमें लगभग दो महीने (फरवरी और मार्च) लगे. इस अवधि के दौरान मैं व्यावसायिक कार्यों में शामिल नहीं हो सका.

पढ़ें - नेशनल कॉन्फ्रेंस के सीनियर नेता बशारत बुखारी ने पार्टी छोड़ी

इस मामले में भाजपा पार्टी की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारे देश में आज युवा बेरोजगार हैं, मध्यम वर्ग दिन-प्रतिदिन वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण पीड़ित है, किसान बारिश, ठंड और गर्मी में दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हैं और उन सभी को बस अच्छे दिनों की तलाश है, जिस तरह पीएम मोदी ने 2014 में एसवीएलएल से लग्जरी बसों को अनुकूलित करने के लिए अपना वादा पूरा किया, लेकिन शायद ही किसी को पता था कि यह अच्छे दिन केवल उन लोगों के लिए आरक्षित है, जिन्होंने जुमलेबाजी की कला में महारत हासिल की है और उन कॉरपोरेट्स, जिन्होंने उन्हें चुनाव के दौरान पीएम मोदी का साथ दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details