उत्तरकाशी (उत्तराखंड):आज सुबह से ही उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल में उम्मीद का वातावरण है. टनल में 12 दिन से फंसे मजदूरों का रेस्क्यू किसी भी समय हो सकता है. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह खुद सिलक्यारा टनल में मौजूद हैं. देश के लोगों की उम्मीद और रेस्क्यू ऑपरेशन के उतार चढ़ाव भरे 12 दिन की कहानी कुछ इस प्रकार रही.
दीपावली की सुबह टनल हादसा हुआ. 12 नवंबर को हुआ हादसा:12 नवंबर को जब पूरा देश दीपावली का त्यौहार मना रहा था उत्तरकाशी में सिलक्यारा की टनल में मलबा गिर गया. सुरंग के मुख्य द्वार से 200 मीटर अंदर मलबा गिरने से सुरंग ब्लॉक हो गई. रविवार 12 नवंबर की सुबह 4 बजे मलबा गिरना शुरू हुआ और साढ़े पांच बजे तक टनल से आवाजाही बंद हो गई. पता चला कि सिलक्यारा टनल के अंदर 40 मजदूर (बाद में 41 बताया गया) फंसे हैं. तुरंत रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया गया.
हादसे के दूसरे दिन मजदूरों के लिए भोजन भेजा गया 13 नवंबर को पाइप अंदर डालने का काम शुरू:पूरे देश के लोगों की दुआओं के बीचसोमवार 13 नवंबर को मलबे को भेदकर सुरंग के अंदर पाइप डालने का काम शुरू हुआ. लेकिन शाम को सुरंग के अंदर फिर से मलबा आने की घटना हुई. इस कारण 20 मीटर की ड्रिलिंग के बाद काम रोक दिया गया था. सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को पाइप के रास्ते भोजन, ऑक्सीजन और दवाइयां भेजी गईं.
विदेशी टनल एक्सपर्ट ने भी रेस्क्यू में मदद की 14 नवंबर को नॉर्वे और थाईलैंड के एक्सपर्ट की सलाह ली:टनल हादसे के तीसरे दिन यानी मंगलवार 14 नवंबर को टनल में मलबा आने पर नॉर्वे और थाईलैंड के टनल एक्सपर्ट्स से सलाह मशविरा किया गया. रह-रहकर टनल में ऊपर से मलबा आने के कारण 900 मिलीमीटर यानी 35 इंच के पाइप डालकर रेस्क्यू कार्य करने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही ऑगर ड्रिलिंग मशीन और हाइड्रोलिक जैक ऑपरेशन में लगाए गए. हालांकि इससे भी सफलता नहीं मिली.
अमेरिकन ऑगर मशीन रेस्क्यू के लिए लाई गई 15 नवंबर को ऑगर मशीन के पार्ट्स खराब हुए:बुधवार 15 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन फिर शुरू हुआ. अभी थोड़ी देर ही ड्रिलिंग हुई थी कि ऑगर मशीन के कुछ पुर्जों में तकनीकी दिक्कत आ गई. इस दौरान सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों का सब्र टूटने लगा. मजदूरों के परिजनों ने सुरंग के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी. ये बात दिल्ली में पीएमओ तक पहुंची. पीएमओ ने तत्काल अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. एयरफोर्स के हरक्यूलिस विमान से अमेरिकन हैवी ऑगर मशीन रेस्क्यू के लिए सिलक्यारा टनल भेजी.
पीएम मोदी लगातार रेस्क्यू का अपडेट लेते रहे हैं 16 नवंबर को अमेरिकन हैवी ऑगर मशीन से ड्रिलिंग शुरू:गुरुवार 16 नवंबर को चर्चित अमेरिकन हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. इस तरह रेस्क्यू ऑपरेशन के 5वें दिन सुरंग के अंदर जो मलबा आया था उसके अंदर 18 मीटर दूरी तक पाइप डाले गए. पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया. सीएम धामी ने पीएम मोदी को रेस्क्यू ऑपरेशन के टॉप क्लास चलने का आश्वासन दिया.
रेस्क्यू में कई बाहरी अड़चन आईं. 17 नवंबर को रेस्क्यू में लगे दो मजदूरों की तबीयत बिगड़ी:शुक्रवार 17 नवंबर की सुबह अभी रेस्क्यू वर्क शुरू ही हुआ था कि ऑपरेशन में लगे दो मजदूरों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. इन दोनों मजदूरों को तत्काल मेडिकल सहायता दी गई. हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन से सुरंग के भीतर 24 मीटर तक पाइप डालने में सफलता मिली. हालांकि इस दौरान रास्ते में हार्ड रॉक आने से ड्रिलिंग रोकनी भी पड़ी थी. 17 नवंबर को इंदौर से नई ऑगर ड्रिलिंग मशीन भी सिलक्यारा टनल पहुंचाई गई.
पीएमओ की टीम सिलक्यारा पहुंची 18 नवंबर को पीएमओ की 6 सदस्यीय टीम सिलक्यारा टनल पहुंची:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दफ्तर लगातार सिलक्यारा टनल में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लेता जा रहा था. इधर सीएम धामी लगातार समीक्षा बैठक कर रहे थे. 18 नवंबर पीएमओ की 6 सदस्यीय टीम सिलक्यारा टनल पहुंची. पीएमओ के सलाहकार भास्कर खुल्बे इस टीम को लीड कर रहे थे. हालांकि शनिवार 18 नवंबर को ड्रिलिंग का काम रुका रहा. इस दौरान पांच जगह से ड्रिलिंग करने की योजना बनी. साथ ही डीआरडीओ की रोबोटिक्स टीम भी सिलक्यारा टनल पहुंची.
नितिन गडकरी सिलक्यारा पहुंचे 19 नवंबर को नितिन गडकरी सिलक्यारा टनल पहुंचे:रविवार 19 नवंबर को जब पूरा देश क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला देखने में व्यस्त था तो केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सिलक्यारा टनल पहुंचे. गडकरी के साथ उत्तराखंड के सीएम धामी भी मौजूद थे. दोनों ने सुरंग में फंसे लोगों का पुरसाहाल जानने आए उनके परिजनों से बात की और सुरक्षित रेस्क्यू का आश्वासन दिया. शनिवार को ड्रिलिंग का जो काम रुका था, उसे फिर शुरू किया गया.
अर्नोल्ड डिक्स सिलक्यारा पहुंचे 20 नवंबर को इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स पहुंचे:सोमवार 20 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया निवासी इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स सिलक्यारा टनल पहुंचे. डिक्स ने टनल और उसके आसपास का सर्वे किया. इसके बाद वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए दो स्थान चयनित किए गए. इसके साथ ही टनल में फंसे मजदूरों को भोजन देने के लिए 6 इंच के पाइप डालने का काम सफलतापूर्वक पूरा हुआ. टनल के ऊपर पहाड़ से ड्रिलिंग के लिए बीआरओ ने सड़क निर्माण किया.
मजदूरों के पहले वीडियो से रेस्क्यू की उम्मीद मजबूत हुई 21 नवंबर को 10 दिन से अंदर फंसे मजदूरों का पहला वीडियो सामने आया:मंगलवार 21 नवंबर को देश ने 10 दिन बाद सिलक्यारा की टनल में फंसे 41 मजदूरों की शक्लें देखीं. दरअसल एंडोस्कोपी के माध्यम से वीडियो कैमरा सुरंग के अंदर भेजा गया. वीडियो से सुरंग के अंदर फंसे मजदूर दिख रहे थे तो वॉकी टॉकी के माध्यम से उनसे बात हो रही थी. 21 नवंबर को एक और अच्छी बात ये रही कि पहली बार सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए पका हुआ भोजन यानी खिचड़ी भेजी गई.
सीएम धामी उत्तरकाशी पहुंचे 22 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन ने तेजी पकड़ी, 45 मीटर तक हुई ड्रिलिंग:बुधवार 22 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन अपने चरम पर पहुंचा. दिन ढलने तक 45 मीटर तक ड्रिलिंग हुई तो सुबह स्टील की रॉड टकराने तक 54 मीटर ड्रिलिंग हो गई थी. इस दौरान लगने लगा था कि बुधवार देर शाम या रात को ड्रिलिंग पूरी हो जाएगी और 11 दिन से सिलक्यारा की टनल में फंसे मजदूर खुली हवा में सांस ले सकेंगे. लेकिन अचानक ड्रिलिंग के दौरान देर रात स्टीर की रॉड ने रास्ता रोक लिया. रेस्क्यू पूरा होने की उम्मीद में उत्तराखंड के सीएम धामी उत्तरकाशी पहुंच गए.
23 नवंबर को रेस्क्यू पूरा होने की उम्मीद:23 नवंबर गुरुवार तड़के स्टील की रॉड को कटर की मदद से काटकर ड्रिलिंग मशीन के रास्ते से अलग किया गया. इसके बाद फिर से ड्रिलिंग शुरू हुई. सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर को इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के लिए चिन्यालीसौड़ एयरपोर्ट पर लैंड किया गया. इसके साथ ही सिलक्यारा टनल के बाहर 41 एंबुलेंस सारी मेडिकल सुविधाओं के साथ तैनात कर दी गईं. केंद्रीय मंत्री वीके सिंह सिलक्यारा टनल पहुंचे.
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