मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में अब मुख्यमंत्री पद को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले मुख्यमंत्री के पक्ष में नहीं आने पर उनकी कुर्सी जा सकती है. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री पद के लिए कई नेताओं के नामों की चर्चा है. राज्य में सत्ता संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुछ राजनीतिक समीकरण बदलने के आसार हैं.
हालांकि, मुख्यमंत्री पद के लिए हर पार्टी के समर्थक अपने-अपने नेता पहले ही तय कर चुके हैं. ऐसे पोस्टर और बयान भी सामने आ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट अगले कुछ दिनों में राज्य में सत्ता संघर्ष पर फैसला सुना सकता है. इस पृष्ठभूमि में प्रदेश में नए राजनीतिक समीकरण को साधने के लिए आंदोलन शुरू हो गए हैं. इसलिए प्रदेश में हर जगह हर दल के कार्यकर्ताओं ने अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने के लिए पोस्टर अभियान शुरू कर दिया है. वहीं, कुछ मंत्रियों ने भी इच्छा जताई है और एक नई चर्चा छिड़ गई है. राज्य के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार राकांपा से खफा हैं और राजनीतिक माहौल इस बात से गर्म हो गया है कि वह कुछ विधायकों के साथ भाजपा में शामिल होंगे.
बीजेपी के चंद्रशेखर बावनकुले ने भी कहा कि अजीत पवार मुख्यमंत्री होंगे और वह अजित पवार जैसे नेता नहीं हैं. देखने में आया कि कार्यकर्ताओं ने ठाणे, उल्हासनगर, धाराशिव में अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने की बात कहते हुए पोस्टर लगा दिए हैं. एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व वित्त मंत्री जयंत पाटिल के पास प्रशासन का अनुभव है. निर्णय लेने की क्षमता है. उनकी ही पार्टी के सांसद अमोल कोल्हे ने राय व्यक्त की है कि जयंत पाटिल लोगों के बीच अपने नेतृत्व के कारण मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त हैं.