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तेलंगाना विधानसभा चुनाव : अलग-अलग समुदायों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मुलाकात

community outreach by congress in Telangana : तेलंगाना विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग समुदायों से जाकर मिलने की शुरुआत की है. पार्टी का कहना है कि वह अपनी छह गारंटी योजनाओं के बारे में मतदाताओं को जागरूक करना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने इस कदम को उठाया है. पेश है वरिष्ठ पत्रकार अमित अग्निहोत्रि की एक रिपोर्ट.

Telangana congress president
तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 20, 2023, 6:22 PM IST

नई दिल्ली : तेलंगाना में कांग्रेस पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पार्टी ने अपने छह चुनावी वादों के बारे में जनता तक जानकारी पहुंचाने के लिए कार्यकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं. पार्टी अलग-अलग सामाजिक समूहों तक पहुंचकर उन्हें इसके बारे में बता रही है. तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों के लिए 30 नवंबर को मतदान है.

2013 में राज्य का बंटवारा होने के बाद से कांग्रेस सत्ता से बाहर है. बीआरएस पिछले दो बार से लगातार सत्ता में आ रही है. पर, इस बार कांग्रेस अपने वादों के साथ-साथ एंटी इंकंबेंसी फैक्टर पर भरोसा कर रही है. पार्टी केसीआर सरकार की असफलताओं को जोर-शोर से उठाने का दावा कर रही है.

पार्टी सचिव संदीप कुमार ने ईटीवी भारत को बताया

हमने तेलंगाना में माइक्रो मैनेजमेंट की शुरुआत की है. इसमें बूथ मैनेजमेंट से लेकर गारंटी कार्ड के वितरण तक को शामिल किया गया है. इसे पूरा करने के लिए हमने छोटी-छोटी बैठकों पर जोर दिया है, जिसमें समाज के अलग-अलग समुदायों के लोगों को शामिल किया जाता है. इन बैठकों में हम उन्हें पार्टी द्वारा किए गए वादों के बारे में जानकारी देते हैं और उसके आधार पर उनका समर्थन मांगते हैं. यह प्रचार का सफलत तरीका रहा है.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि अलग-अलग समुदाय का मतलब- ओबीसी में कम्मा और कप्पा, तथा एससी, एसटी, मुस्लिम, ईसाई और उच्च जाति रेड्डी को भी शामिल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही ओबीसी नेता डॉ. पी विनय कुमार, जो प्रजा राज्यम पार्टी में थे, ने अपने ग्रुप को कांग्रेस में मर्ज कर दिया. इसी तरह से प्रभावशाली समुदाय मदिका से आने वाले एक सांसद ने भी पार्टी ज्वाइन किया.

पार्टी मुस्लिम मतदाताओं से भी उम्मीद कर रही है. राज्य में उनकी आबादी 13 फीसदी है. इसी तरह से पार्टी सिकंदराबाद, कलवाकुर्ती और शादनगर में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों और ईसाई समुदाय को भी अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रही है.

तेलंगाना के प्रभारी सचिव मंसूर खान ने ईटीवी भारत को बताया

मुस्लिमों और ईसाइयों को साथ लेकर चलने का सीधा अर्थ है कि पार्टी सबको एकसाथ लेकर आगे बढ़ रही है, जबकि बीआरएस सिर्फ उनका वोट प्राप्त करती है, उनके लिए कुछ करती नहीं है.

मुस्लिम इलाकों में कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी प्रचार करने में व्यस्त हैं. वह मुस्लिम युवाओं के भविष्य की बात कर रहे हैं, उनके बीच शिक्षा और उनकी वित्तीय जरूरतों पर फोकस कर रहे हैं. प्रतापगढ़ी ने कहा कि मैं सभी मतदाताओं से अपील कर रहा हूं कि वे उनलोगों का समर्थन न करें, जो राजनीति में धर्म का प्रयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि बीआरएस और एआईएमआईएम आपस में मिले हुए हैं.

कांग्रेस ने पड़ोसी राज्य कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और महाराष्ट्र से अपने कार्यकर्ताओं को बुलाकर प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है. यहां आने वाले नेताओं में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडु राव शामिल हैं. चव्हाण खानपुर और निजामाबाद में पिछले दो दिनों से प्रचार कर रहे हैं.

गुंडु राव ने कहा -

राहुल गांधी के प्रचार ने हम सबका मनोबल बढ़ा दिया है. उन्होंने तेलंगाना में नया उत्साह और नई उम्मीद जगा दी है. हम पूरी तरह से विश्वस्त हैं कि पार्टी तेलंगाना में बहुमत प्राप्त करेगी. पार्टी कम से कम 75 सीट जरूर जीतेगी. तेलंगाना के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता अपने छह गारंटी स्कीमों में दिख रही है. यह कर्नाटक से प्रेरित है. ये सिर्फ वादे नहीं हैं, बल्कि एक सुनिश्चित रोडमैप है, ताकि हम तेलंगाना को विकास की नई ऊंचाई पर ले जा सकेंगे. हम जो कहते हैं, वह करते हैं, और कांग्रेस ने जो वादा किया है, उसे पूरी करेगी.

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