साबरकांठा : गुजरात में साबरकांठा जिले के दंगा प्रभावित हिम्मतनगर कस्बे के परिवार अब अपना घर-बार छोड़कर विस्थापित होने लगे हैं. हालांकि राज्य के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने एक दिन पहले कस्बे का दौरा किया था. उन्होंने कानून-व्यवस्था की समीक्षा की और अपराधियों से कड़ाई से निपटने के आदेश दिये. इस मामले में अब तक 20 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
हिम्मतनगर कस्बे में रामनवमी समारोह के दौरान गत रविवार को सामुदायिक झड़प और आगजनी जैसी हिंसक घटनाएं देखने को मिली थीं. पुलिस ने कहा कि इसके एक दिन बाद कस्बे के वंजारावास इलाके में पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गये. हिम्मतनगर वंजारावास के कई परिवार अपनी सुरक्षा के डर से विस्थापन कर रहे हैं. सोमवार की रात एक बार फिर हिंसा का सामना करने के बाद यहां के परिवार घरों में ताला लगाकर बाहर जा रहे हैं. पुलिस ने गैर सामाजिक तत्वों के खिलाफ पर्याप्त और त्वरित कार्रवाई का भरोसा दिया है, लेकिन लोगों का विस्थापन जारी है.
इस इलाके से विस्थापित एक महिला ने कहा कि हमारे पास इलाका छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, हम इस इलाके में रहते हुए अभी डरकर जी रहे हैं, यह पूरा इलाका एक खास समुदाय के लोगों से घिरा हुआ है. यदि हम यहां रुकते हैं, तो हमारे बच्चों और महिलाओं की हत्या हो सकती है.
एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि पड़ोसी चंदननगर से आई 500 की भीड़ ने वंजारावास को घेर लिया और पत्थर समेत पेट्रोल बम बरसाए. सांघवी के साथ एक बैठक में भाग लेने के बाद पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने कहा कि कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए पर्याप्त कदम उठाये गये हैं. भाटिया ने कहा कि कस्बे में सांप्रदायिक झड़प से निपटने के लिए दो कंपनी यानी 200 से अधिक रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों को तैनात किया गया है.
घटना में पुलिस की टीम पर पर भी पत्थर फेंके गए थे. 10 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं. स्थिति बिगड़ने पर मेहसाणा, आरावली और साबरकांठा के जिला पुलिस को लगाया गया. रैपिड एक्शन फोर्स और एआरपीएफ को भी स्थिति पर नियंत्रण लगाने के लिए भेजा गया. पनपुर और छपरिया क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. छपरिया से ही रामनवमी का जुलूस गुजर रहा था. पत्थरबाजी की घटना के बाद धारा 144 लागू कर दिया गया.