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त्रिपुरा: कब्रिस्तान की जमीन पर अतिक्रमण की कोशिश के बाद तनाव, धारा 144 लागू

त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के बाहरी इलाके नंदन नगर में हिंदुत्व समूह के द्वारा कथित तौर पर कब्रिस्तान में भगवान शिव का मंदिर स्थापित कर जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश की गई. इस घटना को लेकर इलाके में तनाव हो गया, जिसके बाद प्रशासन द्वारा इलाके में धारा 144 लगा दी गई.

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Published : Jul 5, 2022, 9:04 PM IST

अगरतला:त्रिपुरा के अगरतला शहर के बाहरी इलाके नंदननगर में उस समय तनाव पैदा हो गया, जब हिंदुत्व समूह ने कथित तौर पर भगवान शिव का मंदिर स्थापित करके मुस्लिमों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कब्रिस्तान पर अतिक्रमण करने की कोशिश की. जब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने देखा कि हिंदुत्व समूह ने कब्रिस्तान की जमीन पर रातभर में भगवान शिव का मंदिर स्थापित कर दिया है, उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया और जीबी पंत अस्पताल को जोड़ने वाली सड़क को कुछ घंटों के लिए अवरुद्ध कर दिया.

तनाव को देखते हुए स्थानीय प्रशासन की ओर से नंदननगर और उसके आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नवीन राजधानी परिसर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से साम्प्रदायिक विद्वेष के कारण नंदनगर में उच्च तनाव व्याप्त होने एवं शांति भंग होने की आशंका के संबंध में रिपोर्ट प्राप्त हुई है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आगे कानून-व्यवस्था बिगड़ने की संभावना है, जिसके मद्देनजर धारा 144 लगाई गई है. आदेश के अनुसार, पांच जुलाई सुबह 11 बजे से अगले आदेश तक क्षेत्र में धारा 144 लागू रहेगी.

वहीं, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्रिस्तान की जमीन को अतिक्रमण-मुक्त कराने और उसे अल्पसंख्यक समुदाय को वापस सौंपने की मांग की है. पत्रकारों से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि उन्होंने (हिंदुत्व समूह) उस कब्रिस्तान पर कब्जा कर लिया है, जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोग किसी की मौत होने पर शव को दफनाते थे.

विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि हमने कई बार मामले की जानकारी प्रशासन को दी थी. 2019 के बाद फिर से 2020 में हमने कागजात जमा किए, यहां तक कि तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रतन लाल नाथ को भी सूचित किया. प्रशासन ने हमें आश्वासन दिया था कि वे मामले को देखेंगे और शांति बनाए रखेंगे. प्रशासन ने हमें हमारे कब्रिस्तान का सीमांकन करने का भी आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं किया गया. उन्होंने कहा, 'हमारी प्रशासन से मांग है कि शांति व्यवस्था बनाए रखने और मंदिर को हटाने के लिए कदम उठाए जाएं.'

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