चंडीगढ़: साक्षी मलिक ने राष्ट्रमंडल खेलों में इतिहास रच दिया. उन्होंने पहली बार स्वर्ण पदक (sakshi malik won gold medal) अपने नाम किया है. साक्षी ने फ्री स्टाइल 62 किग्रा वर्ग में कनाडा की एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को हराया. साक्षी ने पहले विपक्षी खिलाड़ी को चित्त कर चार अंक हासिल किए. उसके बाद पिनबॉल से जीत हासिल की. साक्षी इससे पहले राष्ट्रमंडल खेलों में रजत (2014) और कांस्य पदक (2018) जीत चुकी थीं.
साक्षी मलिक का जन्म 3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक जिले के मोखरा गांव में हुआ. साक्षी के दादा सुबीर मलिक भी पहलवान थे, उन्हें देखने के बाद और उनसे प्रेरित होकर साक्षी मलिक ने रेसलिंग में आने का मन बनाया. केवल 12 साल की उम्र में ही साक्षी ने कोच ईश्वर दहिया के नेतृत्व में प्रशिक्षण शुरू किया. पांच साल बाद, उन्होंने 2009 के एशियाई जूनियर विश्व चैंपियनशिप के फ्रीस्टाइल 59 किग्रा भारवर्ग में रजत पदक जीतकर सफलता का पहला स्वाद चखा.