बर्मिंघम:गत चैम्पियन भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष टेबल टेनिस स्पर्धा के फाइनल में मंगलवार को सिंगापुर को 3-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता. हरमीत देसाई और जी साथियान की जोड़ी ने योन इजाक क्वेक और यू इन कोएन पांग की जोड़ी को 13-11, 11-7, 11-5 से शिकस्त देकर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई.
लेकिन दिग्गज शरत कमल अपने लय को जारी नहीं रख सके. सेमीफाइनल में नाइजीरिया के विश्व रैंकिंग में 15वें स्थान पर काबिज खिलाड़ी अरूणा कादरी को हराने वाले शरत पुरुष एकल के पहले मैच में झे यू क्लारेंस चीयू हार गए. सिंगापुर के खिलाड़ी ने उन्हें 11-7, 12-14, 11-3 और 11-9 से हराया. विश्व रैंकिंग में 35 वें स्थान पर काबिज जी साथियान ने इसके बाद पांग को 12-10, 7-11 , 11-7 और 11-4 से हराकर मुकाबले में भारत की वापसी कराई. हरमीत देसाई ने इसके बाद तीसरे एकल मुकाबले में चीयू को 11-8, 11-5 और 11-6 से हराकर शरत की हार का बदला लेने के साथ भारत को मुकाबले में स्वर्ण पदक दिला दी.
साल 2018 की तरह इस बार भी भारतीय टीम में अचंता शरत कमल, जी साथियन, हरमीत देसाई और सनिल शेट्टी थे. पूरे इवेंट में शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम ने फाइनल में भी अच्छी शुरुआत की. ग्रुप स्टेज में पहले ही सिंगापुर को 3-0 से भारतीय टीम हरा चुकी थी, लेकिन फाइनल मुकाबला एकदम अलग साबित हुआ.
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भारत के लिए हरमीत देसाई और जी साथियन की जोड़ी ने डबल्स का अपना मुकाबला 3-0 से जीतकर भारत को 1-0 की बढ़त दिलाई. इसके बाद भारत की उम्मीदें अपने सबसे अनुभवी और CWG इतिहास के सबसे सफल भारतीय पैडलर अचंता शरत कमल पर थीं. सिंगल्स मुकाबले में अचंता कड़ी टक्कर के बावजूद 4 गेम तक चले मैच में 1-3 से हार गए.
मुकाबला 1-1 की बराबरी पर था और अब भारत को दूसरे सिंगल्स में दमदार वापसी की जरूरत थी. जी साथियन इस मैच के लिए उतरे लेकिन पहले ही गेम में वह हार गए. इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अगले तीनों गेमों में जोरदार वापसी करते हुए 3-1 से मैच जीता और भारत की बढ़त को 2-1 कर दिया.
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साथियन की जीत के बाद दो और मैच थे, जिसमें भारत को बस एक और जीतने की जरूरत थी. अगले ही मैच में ये काम हरमीत देसाई ने कर दिया. भारतीय स्टार ने सिंगापुर के खिलाड़ी को कोई भी मौका नहीं दिया और तीनों गेम बेहद आसानी से अपने नाम करते हुए मैच के साथ ही भारत को गोल्ड भी दिला दिया. इस तरह भारत ने ग्रुप स्टेज के बाद फाइनल में भी सिंगापुर को मात दी.
भारत का ये कॉमनवेल्थ में इस इवेंट का लगातार दूसरा और कुल तीसरा गोल्ड मेडल है. भारत ने पहली बार साल 2010 के नई दिल्ली गेम्स में टीम इवेंट का गोल्ड जीता था. अचंता शरत कमल उस टीम का भी हिस्सा थे. इस तरह साल 2006 में अपने डेब्यू के बाद से ही लगातार हर गेम्स में उन्होंने देश के लिए एक मेडल अपने नाम कर ही लिया. भारतीय टीम अब मिक्स्ड टीम इवेंट में भी यही प्रदर्शन दोहराना चाहेगी.