नई दिल्ली: देश के बीजेपी शासित राज्यों से अचानक ही कॉमन सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने की मांग उठने लगी है. बीजेपी शासित मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्य में सामान्य नागरिक संहिता लागू करने पर जोर देना शुरू कर दिया है. कुछ मुख्यमंत्रियों ने तो इस दिशा में कार्रवाई भी शुरू कर दी है. दरअसल जबसे भोपाल दौरे के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों में कॉमन सिविल कोड लागू करने के संकेत दिए, तभी से इस मामले ने तूल पकड़ लिया. खास तौर पर भाजपा शासित राज्यों में यह मांग उठनी शुरू हो गई.
उत्तराखंड ने की पहल:सबसे पहले भाजपा शासित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही राज्य में कॉमन सिविल कोड लागू करने संबंधित ऐलान कर दिया. इस दिशा में कार्य करते हुए एक कमेटी भी बना दी. बस फिर क्या था यह मामला देश के अन्य राज्यों में भी सियासत का मुद्दा बन गया. उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी ईटीवी भारत से कहा कि कॉमन सिविल कोड को लेकर वह अपने राज्य में भी चर्चा करेंगे और इस पर बात होनी चाहिए.
यूपी में भी उठी मांग:उत्तर प्रदेश में चुनाव के बाद से ही कॉमन सिविल कोड लागू किए जाने की मांग तूल पकड़ रही है. उत्तर प्रदेश में चुनाव खत्म हो जाने के तुरंत बाद यह मांग उठने लगी कि देश के सभी राज्यों में कॉमन सिविल कोड लागू किया जाना चाहिए. इस क्रम में प्रदेश के कई नेता आवाज उठा चुके हैं. सबसे पहले उत्तर प्रदेश में समाजवादी प्रगतिशील पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने कॉमन सिविल कोड की जरूरत पर बल दिया. इसके बाद बीजेपी नेताओं ने एक के बाद एक इस पर बयान देना शुरू कर दिया. जिनमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने भी बयान दिया और देश में इसकी जरुरत पर बल दिया. बीजेपी शासित गोवा में पहले से ही कॉमन सिविल कोड लागू है. गोवा का निर्माण 1961 में हुआ और इससे पहले ही पुर्तगीज शासनकाल में गोवा में कॉमन सिविल कोड को लागू किया गया था.
क्या है कॉमन सिविल कोड:सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर क्या है कॉमन सिविल कोड? दरअसल, यह एक ऐसा कानून है जो विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने जैसे सभी मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा. यह भारतीय संविधान की अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आता है. जिसमें यह कहा गया है कि भारत में सभी धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून लागू किया जाना चाहिए.