नई दिल्ली :पंजाब (Punjab) में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) से पहले पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी घमासान कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. पंजाब कांग्रेस में जारी विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. पार्टी हाईकमान के हस्तक्षेप के बाद भी गुटबाजी जारी है, जिसके बाद कांग्रेस हाईकमान ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (CM Capt Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच चल रही रार को खत्म के लिए एक कमिटी का गठन किया है. पार्टी में चल रही खट-पट के लेकर कमिटी ने राहुल गांधी से एक बार फिर बैठक की.
पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में चल रही राजनीतिक विवाद को सुलझाने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई. इस बीच समिति ने राहुल गांधी के साथ मामले के संबंध में एक बैठक भी की. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी राज्य में स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं.
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खबरों की मानें तो नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बतौर डिप्टी सीएम भी काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने तीन सदस्यों के पैनल को भी बताया है कि अगर वह ये पद ले लेते हैं तो वह सहज महसूस नहीं कर पाएंगे.
खबरें हैं कि पंजाब के दोनों बड़े चेहरों के बीच जारी विवाद को सुलझाने के लिए 20 जून को दिल्ली में एक बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सोनिया गांधी खुद दोनों नेताओं और कुछ अन्य विधायकों से बातचीत करेंगी और इस झगड़े को सुलझाने का प्रयास करेंगी.
बता दें कि साल 2015 के गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटना के बाद फरीदकोट के कोटकपूरा में धरने पर बैठे लोगों पर हुई फायरिंग को लेकर पंजाब सरकार ने एसआईटी बनाई थी. पिछले महीने हाईकोर्ट ने इस एसआईटी और उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसे लेकर कांग्रेस में खासी खींचतान शुरू हो गई. कांग्रेस के एक धड़े ने यह आरोप लगाया कि एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में सही ढंग से केस को पेश नहीं किया, जिसके चलते यह स्थिति हुई है.
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कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से गठित तीन सदस्यीय समिति ने बृहस्पतिवार को अपनी रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी. पार्टी सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली इस समिति ने सोनिया को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.