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सीमा विवाद पर समिति अगले 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी: मेघालय सीएम

सीमा विवाद पर मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा (Conrad Sangma) ने कहा कि असम सरकार भी सीमा विवाद को लेकर इसी तरह की समिति गठित करेगी. मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विवादित सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की राय पर विचार (opinion of the people) किया जाना चाहिए.

कोनराड संगमा
कोनराड संगमा

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Published : Aug 13, 2021, 2:02 AM IST

नई दिल्ली : मेघालय के मुख्यमंत्री (Meghalaya Chief Minister) कोनराड संगमा (Conrad Sangma) ने गुरुवार को कहा कि उनकी सरकार ने सीमा विवाद के विवरण में जाने और अगले 30 दिन में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक समिति का गठन किया है.

उन्होंने कहा कि असम सरकार भी सीमा विवाद (border dispute) को लेकर इसी तरह की समिति गठित करेगी.

संगमा ने नई दिल्ली में ईटीवी भारत के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, 'समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद दोनों सरकार संघर्ष को सुलझाने के लिए बातचीत फिर से शुरू करेगी.'

संगमा का यह बयान असम सरकार द्वारा मेघालय पर उनकी जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाने के बाद आया है.

गौरतलब है कि असम इस समय मिजोरम के साथ भी सीमा विवाद का सामना कर रहा है. 26 जुलाई को सीमा विवाद को लेकर मिजोरम पुलिस द्वारा उन पर की गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह जवानों (six Assam police personnel) की जान चली गई थी.

विवाद के ब्योरे पर बात करते हुए संगमा ने कहा कि दोनों सरकारों के बीच सीमा विवाद को लेकर अब तक 26 बैठकें हो चुकी हैं.

संगमा ने कहा, 'पिछले यूपीए शासन के दौरान भी दशकों पुराने संघर्ष को सुलझाने के लिए दोनों राज्य सरकारों के बीच बैठकें हुई थीं.'

उन्होंने कहा कि असम सरकार के साथ बातचीत अच्छी चल रही है. संगमा ने कहा, 'असम के मुख्यमंत्री ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और उम्मीद है कि संघर्ष जल्द ही सुलझ जाएगा.'

यह कहते हुए कि दोनों राज्यों के पास सीमा विवाद पर अपने दावे का पता लगाने के लिए ऐतिहासिक डेटा है, संगमा ने कहा, 'दोनों पक्ष सभी सबूतों का पता लगाएंगे और हम मामले को सुलझाने के लिए एक मध्यम रास्ता तलाशेंगे.'

मेघालय के मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विवादित सीमा क्षेत्र में रहने वाले लोगों की राय पर विचार (opinion of the people) किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, 'हमें किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले उनकी राय लेनी होगी. वे सीमा संघर्ष के पीड़ित हैं.'

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि भारत की स्वतंत्रता के समय, पूर्वोत्तर भारत में असम और मणिपुर और त्रिपुरा की रियासतें शामिल थीं.

नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को 1963 और 1987 के बीच असम से अलग किया गया था. इतिहास और इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सांस्कृतिक पहचान के आधार पर अलग-अलग राज्य बनाए गए थे.

पढ़ें - पूर्वोत्तर सीमा विवाद : 157 लोगों की गई जान, सबसे अधिक असम-नागालैंड सीमा विवाद में हुई मौत

कॉनराड संगमा नेशनल पीपुल्स पार्टी (National Peoples’ Party ) दिल्ली कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में थे.

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पूर्वोत्तर की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है. हम तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित सभी प्रमुख राज्यों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना शुरू करेंगे.

पूर्व लोकसभा अध्यक्ष स्वर्गीय पूर्णो ए संगमा द्वारा गठित एनपीपी वर्तमान में मेघालय में 21 विधायकों के साथ सरकार चला रही है. अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में पार्टी के चार-चार विधायक हैं. नागालैंड विधानसभा में एनपीपी के दो सदस्य हैं.

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