दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राजस्थानः लंपी संक्रमण का इलाज कराएगी कमेटी, प्रदेश में 54 हजार से अधिक गोवंश की मौत

राजस्थान में गोवंश में लंपी संक्रमण रोग की रोकथाम के लिए सरकार ने कमेटी गठित की (Committee for prevention of lumpy in Rajasthan) है. कमेटी का मुख्य कार्य बीमार पशुओं का समय पर इलाज कराना होगा. राजस्थान में लंपी के कारण अब तक 54305 गोवंश की मौत हो चुकी है. जबकि अब भी 12 लाख 12 हज़ार 231 गाय संक्रमित है लगता नहीं हैं. वर्तमान की स्थिति को देखकर माना जा रहा है कि आने वाले 15-20 में भी इन आंकड़ों में सुधार होना मुश्किल है.

lumpy virus skin disease, Lumpy Virus in Rajasthan
लंपी संक्रमण का इलाज कराएगी कमेटी.

By

Published : Sep 14, 2022, 8:51 PM IST

जयपुर. राजस्थान में गोवंश में लंपी संक्रमण रोग तेजी से बढ़ता जा रहा है. विकराल रूप लेते इस रोग की रोकथाम के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार ने अब जिलों में कमेटियां गठित कर दी (Committee formed prevention of lumpy infection) हैं. मुख्य सचिव के निर्देश के बाद मंगलवार देर रात को वित्त विभाग ने सभी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलों में कमेटी गठित की हैं. इस कमेटी में जिला परिषद सीईओ, संबंधित जिला कोषाधिकारी, पशुपालन अधिकारी, शहरी निकाय अधिकारी सदस्य होंगे. कमेटी का मुख्य कार्य बीमार पशुओं का समय पर इलाज कराना, मृत पशुओं को जमीन में दफनाने के साथ गोवंश में संक्रमण की रोकथाम पर कार्य करना होगा. राजस्थान में लंपी के कारण अब तक 54305 गोवंश की मौत हो चुकी है. जबकि अब भी 12 लाख 12 हज़ार 231 गाय संक्रमित है लगता नहीं हैं. वर्तमान की स्थिति को देखकर माना जा रहा है कि आने वाले 15-20 में भी इन आंकड़ों में सुधार होना मुश्किल है.

ये हुए आदेश जारी: मुख्य सचिव उषा शर्मा के आदेश के बाद जारी एडवाइजरी में कहा गया कि वर्तमान में गोवंशीय पशुओं में लम्पी स्कीन डिजीज फैली हुई है. जिसके नियंत्रण और प्रभावी रोकथाम के लिये दवाओं की व्यवस्था, गौशालाओं और पशुगृहों की नियमित साफ सफाई, बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग अलग रखना, पशु चिकित्सकों से इलाज कराना आदि के साथ साथ मृत पशुओं का सही तरीके से निस्तारण किया जाना भी नितांत आवश्यक है. मृत पशुओं को खुले स्थान में निस्तारित करने के बजाय उन्हें जमीन के अंदर दफनाने की व्यवस्था किया जाना बेहद जरूरी है

पढ़ें- प्रदेश में लंपी से 50 हजार गायों की मौत, रोजाना 1200 से 1400 गाएं तोड़ रही दम

कमेटी ये होंगे शामिल: कमेटी के अध्यक्ष संबंधित जिलों के जिला कलेक्टर होंगे. मुख्य कार्यकारी जिला परिषद जिला, कोषाधिकारी, जिला अधिकारी पशुपालन विभाग, जिला स्तर पर शहरी निकाय के अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे. ये कमेटी जिला स्तर पर रोक के नियंत्रण, रोकथाम, आवश्यक दवाओं, मृत पशुओं को जमीन में दफनाने, वैज्ञानिक विधि से निस्तारण, दवाओं के वितरण और उनकी दर का निर्धारण सुनिश्चित करेगी. इसके अतिरिक्त रोग प्रतिरोध आमजन में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए आवश्यक प्रचार प्रसार कार्य भी शहरी और ग्राम पंचायत स्तर पर करने की जिम्मेदारी कमेटी की होगी. कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधी मुख्य सचिव को करेगी.

पढ़ें-लंपी को लेकर हवन रहा अधूरा, भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसरे को बताया धर्म विरोधी... मेयर को दिखाए काले झंडे

हर दिन हो रही 1200 से 1400 गोवंश की मौतःराजस्थान में लंपी से मरने वाली गायों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. हालात यह है कि करीब 2 महीने बाद भी हर रोज 1200 से 1400 गोवंश इस रोग से मर रही हैंम. राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार तमाम प्रयास कर रही हैं, लेकिन गोवंश की मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. राजस्थान में आज भी 12 लाख 12 हज़ार 231 गोवंश संक्रमित हैं.

7 अगस्त से अब तक लगे 949677 गोवंश को टीकेःगोवंश को इस रोग से बचाने के लिए केंद्रीय पशुपालन मंत्री के दौरे के बाद 7 अगस्त से प्रदेश में टीकाकरण शुरू हो गया था. लेकिन टीकाकरण के बावजूद भी गोवंश के मरने का सिलसिला नहीं रुक रहा है. इसका कारण साफ है कि टीकाकरण केवल उसी गोवंश के लग सकता है, जो इस रोग से प्रभावित नहीं है. ऐसे में जो 12 लाख से ज्यादा गोवंश इस बीमारी की चपेट में आ चुका है, वह या तो स्वयं ही इलाज से ठीक होगा या उनमें से 2 से 3 फीसदी गायों की मौत होगी.

पढ़ें:लंपी डिजीज संक्रमण रोकने के लिए ग्राम पंचायत स्तर व शहरी क्षेत्रों में बनाए जा रहे आइसोलेशन सेंटर- जिला कलेक्टर

सरकार रोज उठा रही कदम लेकिन नाकाफीः लंपी बीमारी से बचाव के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है. जो गाय संक्रमित हैं उनके लिए अब "लंपी स्किन डिजीज मिटिगेशन फंड" अकाउंट राशि से दवाइयां भी खरीद कर दी जा रही है. लेकिन अब संक्रमण की रफ्तार के आगे ये सारे उपाय नाकाफी नजर आ रहे हैं.

लंपी रोकथाम के लिए यह कर रही है सरकार

  • अब तक 949677 गायों का हुआ वैक्सीनेशन.
  • लंबी स्किन डिजीज के लिए औषधियों का किट बनाकर पशुपालकों को किया जा रहा है. इस किट को मुख्यमंत्री रिलीफ फंड के लंपी स्किन डिजीज मिटिगेशन फंड अकाउंट से दिया जा रहा है.
  • 730 पशुधन सहायकों की नियमित नियुक्ति हुई.
  • जिलों में स्थानीय स्तर पर दवाओं की खरीद के लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान किए गए.
  • आयुर्वेद औषधियों का भी लिया जा रहा सहारा.
  • गौशालाओं में बार-बार हो रहा है संक्रमण को लेकर निरीक्षण.
  • मृत गायों का निस्तारण निकाय एवं पंचायतों के माध्यम से वैज्ञानिक विधि से हो रहा है.
  • गोट पॉक्स वैक्सीन की खरीदी 41 लाख डोज.

ABOUT THE AUTHOR

...view details