जयपुर. राजस्थान में गोवंश में लंपी संक्रमण रोग तेजी से बढ़ता जा रहा है. विकराल रूप लेते इस रोग की रोकथाम के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार ने अब जिलों में कमेटियां गठित कर दी (Committee formed prevention of lumpy infection) हैं. मुख्य सचिव के निर्देश के बाद मंगलवार देर रात को वित्त विभाग ने सभी जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलों में कमेटी गठित की हैं. इस कमेटी में जिला परिषद सीईओ, संबंधित जिला कोषाधिकारी, पशुपालन अधिकारी, शहरी निकाय अधिकारी सदस्य होंगे. कमेटी का मुख्य कार्य बीमार पशुओं का समय पर इलाज कराना, मृत पशुओं को जमीन में दफनाने के साथ गोवंश में संक्रमण की रोकथाम पर कार्य करना होगा. राजस्थान में लंपी के कारण अब तक 54305 गोवंश की मौत हो चुकी है. जबकि अब भी 12 लाख 12 हज़ार 231 गाय संक्रमित है लगता नहीं हैं. वर्तमान की स्थिति को देखकर माना जा रहा है कि आने वाले 15-20 में भी इन आंकड़ों में सुधार होना मुश्किल है.
ये हुए आदेश जारी: मुख्य सचिव उषा शर्मा के आदेश के बाद जारी एडवाइजरी में कहा गया कि वर्तमान में गोवंशीय पशुओं में लम्पी स्कीन डिजीज फैली हुई है. जिसके नियंत्रण और प्रभावी रोकथाम के लिये दवाओं की व्यवस्था, गौशालाओं और पशुगृहों की नियमित साफ सफाई, बीमार पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग अलग रखना, पशु चिकित्सकों से इलाज कराना आदि के साथ साथ मृत पशुओं का सही तरीके से निस्तारण किया जाना भी नितांत आवश्यक है. मृत पशुओं को खुले स्थान में निस्तारित करने के बजाय उन्हें जमीन के अंदर दफनाने की व्यवस्था किया जाना बेहद जरूरी है
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कमेटी ये होंगे शामिल: कमेटी के अध्यक्ष संबंधित जिलों के जिला कलेक्टर होंगे. मुख्य कार्यकारी जिला परिषद जिला, कोषाधिकारी, जिला अधिकारी पशुपालन विभाग, जिला स्तर पर शहरी निकाय के अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे. ये कमेटी जिला स्तर पर रोक के नियंत्रण, रोकथाम, आवश्यक दवाओं, मृत पशुओं को जमीन में दफनाने, वैज्ञानिक विधि से निस्तारण, दवाओं के वितरण और उनकी दर का निर्धारण सुनिश्चित करेगी. इसके अतिरिक्त रोग प्रतिरोध आमजन में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के लिए आवश्यक प्रचार प्रसार कार्य भी शहरी और ग्राम पंचायत स्तर पर करने की जिम्मेदारी कमेटी की होगी. कमेटी अपनी रिपोर्ट सीधी मुख्य सचिव को करेगी.