नई दिल्ली :प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) ने SBI के टेंडर में हेराफेरी करने वाली 7 कंपनियों पर जुर्माना लगाया है. जून 2018 में एक शिकायत मिलने के बाद आयोग ने प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 19(1) के तहत स्वत: संज्ञान लिया. शिकायत में आपूर्ति के लिए एसबीआई इंफ्रा मैनेजमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मंगाई गई निविदा में बोली में हेराफेरी और कार्टेलाइजेशन का आरोप लगाया गया था.
पूरे भारत में एसबीआई शाखाओं और एटीएम के लिए नए साइनेज और मौजूदा साइनेज को बदलना था. सीसीआई के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में पार्टियों के बीच ई-मेल का आदान-प्रदान हुआ, जो बोली प्रक्रिया में हेरफेर का आधार बना. एकत्र किए गए सबूतों के संचयी मूल्यांकन के आधार पर सीसीआई ने पाया कि पार्टियों के बीच एक समझौता हुआ था जिसके परिणामस्वरूप भौगोलिक बाजार आवंटन के साथ-साथ एसबीआई की उपर्युक्त निविदा में बोली-धांधली भी हुई थी.
सभी पक्षों को प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 3 के प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी ठहराया गया, जो कार्टेल सहित प्रतिस्पर्धा-विरोधी समझौतों को प्रतिबंधित करता है. सीसीआई ने डायमंड डिस्प्ले सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, एजीएक्स रिटेल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ओपल साइन्स प्राइवेट लिमिटेड, एवरी डेनिसन प्राइवेट लिमिटेड, अमरीश नियॉन प्राइवेट लिमिटेड, मैक्रोमीडिया डिजिटल इमेजिंग प्राइवेट लिमिटेड और हिथ इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आदेश पारित किया.
अधिकारियों ने कहा कि इन पार्टियों के नौ व्यक्तियों को भी अधिनियम की धारा 48 के प्रावधानों के तहत उनकी संबंधित संस्थाओं के प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है. मामले की गंभीरता को समझते हुए एवरी डेनिसन प्राइवेट लिमिटेड ने कम दंड का आवेदन दायर किया और सच्चाई को उजागर करने में अधिकारियों के साथ सहयोग किया. अधिनियम के प्रावधानों के तहत कम दंड के आवेदन की अनुमति है.