नई दिल्ली : यूनियन बजट 2022 के तहत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर लोक सभा में हुई विस्तृत चर्चा का केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है कि देश की अगुवाई करने वाला हर मुद्दे की डिटेल जानना चाहता है. कानून व्यवस्था और चुनावी घोषणा पत्र के मुद्दे पर भी पीएम मोदी गहन नजर रखते हैं.
उन्होंने बिना नाम लिए राहुल गांधी के उस प्रकरण का जिक्र किया जिसमें उन्होंने डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के अध्यादेश को सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया था. पीएम मोदी के बारे में गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री के विजन का ही नतीजा है कि आज सुदूर क्षेत्रों में बिजली, शौचालय और रसोई गैस जैसी सुविधाएं मिल रही हैं.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अनुदान मांग लोक सभा से पारित उन्होंने कहा कि इन विषयों को प्राथमिकता देने के कारण लोगों का मनोबल बढ़ा. उन्होंने कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इनोवेटिव फाइनांस जैसे विकल्पों का उपयोग कर भारत वैश्विक स्पर्धा में शामिल हो रहा है. गोयल ने एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट में इतिहास बनाने का जिक्र किया और कहा कि 3.75 लाख करोड़ का निर्यात अन्नदाताओं ने किया, जो ऐतिहासिक है.
गौरतलब है कि बुधवार को लोक सभा में चर्चा के दौरान एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार से उद्योग जगत को डराने का काम न करने की अपील की थी. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान महाराष्ट्र की राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि वे अच्छे फैसलों की तारीफ जरूर करेंगी, लेकिन उद्योग जगत कि चिंताओं का निराकरण भी सरकार का दायित्व है. सुले ने एक उद्योगपति का नाम लिए बिना कहा कि उन्हें सरकार की कार्रवाई का भय सताता है. ऐसे में सरकार को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने की ओर ध्यान देना चाहिए.
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इससे पहले लोक सभा में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा (demands for grants under Ministry of Commerce and Industry) के दौरान भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा कि निर्यात बढ़ने के साथ ही देश में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने कहा कि उत्पादन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए सरकार लगातार काम कर रही है. सारंगी ने कहा कि लोकल उत्पाद को ग्लोबल बनाने और जीरो डिफेक्ट वाले प्रोडक्ट से प्रभावित करने जैसे आह्वान का भी जिक्र किया. इसके अलावा विपक्षी सांसदों ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर तीखे हमले किए.
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