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COEPFMWA Appeals: सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे रिटायर्ड जवान

पूर्व अर्धसैनिक बल शहीद कल्याण संघ के नेतृत्व में सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर पूर्व अर्धसैनिक बल के जवानों ने नई दिल्ली में जंतर- मंतर पर प्रदर्शन किया.

COEPFMWA appeals govt to look into grievances of paramilitary forces
सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे रिटायर्ड जवान

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Published : Feb 22, 2023, 7:13 AM IST

Updated : Feb 22, 2023, 7:29 AM IST

पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग

नई दिल्ली: देश जब पुलवामा हमले की चौथी बरसी मनाया, जहां सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवानों ने अपनी जान गंवाई, वहीं, सैकड़ों पूर्व अर्धसैनिक बल के जवान और उनके परिवार के सदस्य सभी केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग को लेकर सड़क पर उतरे.

बीएसएफ, सीएफपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स से सेवानिवृत्त केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए भी वन रैंक वन पेंशन की मांग की.

बीएसएफ के आईजीपी (सेवानिवृत्त) कैप्टन एचएस कोठियाल ने कहा, 'मैं 2000 में सेवानिवृत्त हुआ था. जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तो उन्हें यह धारणा हो सकती थी कि हम पुलिस बल हैं और सशस्त्र बल नहीं हैं. लेकिन, हम संघ के सशस्त्र बल हैं. हम नौसेना और वायु सेना की तरह एक ही पंक्ति में हैं.'

कोठियाल, जिन्होंने कुछ वर्षों तक भारतीय सेना में भी सेवा की, का मानना है कि केंद्र सरकार पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए जनवरी 2023 के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करेगी. पुरानी पेंशन योजना अंतिम आहरित वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में प्रदान करती है. हालाँकि, दिसंबर 2003 को जारी एक अधिसूचना के माध्यम से, गृह मंत्रालय ने सभी अर्धसैनिक बल कर्मियों को नई पेंशन योजना के तहत लाया, जहाँ केंद्र सरकार की सेवाओं की सभी भर्तियों के लिए इसे अनिवार्य कर दिया गया था.
1 जनवरी, 2004 से लागू की गई नई पेंशन योजना, सरकारी कर्मचारियों को यह तय करने की अनुमति देती है कि क्या वे अपने करियर के दौरान पेंशन खाते में नियमित रूप से योगदान करके अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं.

दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने रक्षा कर्मियों को नई पेंशन योजना से छूट दी है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 11 जनवरी, 2023 को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अर्धसैनिक बलों के सभी कर्मचारी सेना, नौसेना और वायु सेना के लिए लागू पुरानी पेंशन योजना का लाभ उठाने के हकदार होंगे.

पूर्व अर्धसैनिक बल शहीद कल्याण संघ (CoEPFMWA) के महासंघ के महासचिव रणबीर सिंह ने कहा, 'जब सेना के जवान शहीद होते हैं, तो उन्हें कई लाभ मिलते हैं. लेकिन हम ऐसे लाभों से वंचित हैं. हमने 13 दिसंबर, 2001 को हुए आतंकवादी हमले से संसद की रक्षा की.

हमारी क्या गलती थी कि हमें पुरानी पेंशन योजना से वंचित कर दिया गया. इस घटना के कुछ साल बाद.'
पूर्व अर्धसैनिक बल शहीद कल्याण संघ के अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा ने कहा, 'हमारी सेवा सेना, नौसेना और वायु सेना से कम नहीं है. लेकिन, हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों.'

राणा ने कहा कि पिछले 10 साल में केंद्रीय अर्धसैनिक बल के 1300 से ज्यादा जवानों ने आत्महत्या की है और 82 हजार से ज्यादा जवानों ने या तो वीआरएस लेकर या समय से पहले सेवानिवृत्ति लेकर अपनी नौकरी छोड़ दी है. राणा ने कहा, 'सरकार को आपकी मांगों को सुनना चाहिए और दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को भी लागू करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- सेना की तरह CAPF को भी मिले पुरानी पेंशन योजना का फायदा: Delhi High Court

पूर्व अर्धसैनिक बल शहीद कल्याण संघ की प्रमुख मांगें: 1. दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 11 जनवरी, 2023 को केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों की पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में दिया गया ऐतिहासिक फैसला लागू किया जाए.

2. सेना झंडा दिवस कोष की तर्ज पर अर्ध सेना ध्वज कोष की स्थापना की जाए.
3. राज्य में अर्धसैनिक कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए ताकि हमारी पेंशन, पुनर्वास और कल्याण के मुद्दे कठिन और हल हो सकें.

4. आर्मी पब्लिक स्कूल जैसे अर्धसैनिक कर्मियों की बेहतर शिक्षा के लिए राज्यों की राजधानियों में सरदार पटेल के नाम पर अर्धसैनिक स्कूल खोले जाने चाहिए.
5. केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की सीपीसी (कैंटीन) को 50 फीसदी जीएसटी की छूट दी जाए.

6. केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए वन रैंक वन पेंशन लागू की जाए.

7. केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को सैन्य सेवा वेतन की तर्ज पर अर्धसैनिक सेवा वेतन दिया जाए.

रणबीर सिंह ने आगे कहा कि अगर सरकार शिकायतों को नहीं सुनती है, तो 20 लाख अर्धसैनिक परिवार आगामी विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कड़ा रुख अपनाएंगे.

Last Updated : Feb 22, 2023, 7:29 AM IST

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