नई दिल्ली :हमारे देश का नारियल विकास बोर्ड 2 सितंबर को 24वें विश्व नारियल दिवस (World Coconut Day 2022) पर एक भव्य समारोह आयोजित करने जा रहा है, जिसमें केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल होंगे। वह एशियाई एवं पैसफिक क्षेत्र के सभी नारियल उत्पाादक देशों के द्वारा किए जाने वाले आयोजन को ध्यान में रखते हुए जूनागढ़ में नारियल विकास बोर्ड के राज्य केंद्र का लोकार्पण (Coconut Board State Centre) करेंगे. साथ ही साथ बोर्ड के राष्ट्रीय पुरस्कारों एवं निर्यात उत्कृष्टतता पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा करेंगे. इस दौरान केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar ) नारियल उत्पादन करने वाले किसानों को संबोधित करेंगे. इसके साथ ही साथ एक और कार्यक्रम कोच्चि (केरल) में भी आयोजित किया जाएगा.
आपको बता दें कि 24वें विश्व नारियल दिवस की थीम जारी कर दी गयी है.. इस साल की थीम है..'खुशहाल भविष्य और जीवन के लिए नारियल की खेती' (Growing Coconut For Better Future and Life) रखा गया है. कार्यक्रम के बाद जूनागढ़ कृषि विश्वविद्यालय में नारियल की अच्छी कृषि पद्धतियां और विपणन विषयक तकनीकी सत्र भी होंगे. जूनागढ़ के कार्यक्रम में तकरीबन एक हजार नारियल-किसान और विभिन्न समूहों के पदाधिकारी भाग लेंगे.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ साथ इस समारोह में गुजरात के कृषि, पशुपालन एवं गौ प्रजनन मंत्री राघवजीभाई पटेल और पशुपालन एवं गौ प्रजनन राज्य मंत्री देवाभाई पी. मालम भी कार्यक्रम में भाग लेंगे. क्षेत्रीय सांसद राजेशभाई नारनभाई चुडासमा तथा पोरबंदर के सांसद रमेशभाई धादुक और जूनागढ़ जिले के विधायक सम्माननीय अतिथि होंगे.
विश्व नारियल दिवस (कांसेप्ट फोटो) एशियाई प्रशांत नारियल समुदाय (Asian Pacific Coconut Community - APCC) हर साल 2 सितंबर को विश्व नारियल दिवस मनाता है. APCC एक अंतर शासकीय संगठन है. नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य नारियल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और अहमियत उजागर करना तथा इस फसल की ओर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है.
ऐसा कहा जाता है कि हमारे देश में नारियल की खेती लगभग एक करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करती है. देश के चार दक्षिणी प्रदेश केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में नारियल की सघन खेती की जाती है. देश का 90 प्रतिशत तक नारियल यहीं से प्राप्त किया जाता है. नारियल के लिए समुद्र के किनारे की नमकीन मिट्टी काफी उपयोगी होती है.
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नारियल का पानी पौष्टिक एवं स्वास्थ्यवर्द्धक होता. गर्मी के मौसम में नारियल-पानी पीकर हम अपनी प्यास बुझा सकते हैं. जब नारियल पकता है, तो इसमें अंदर से सफेद नारियल का फल प्राप्त होता है. यह पूजा में काम के साथ साथ अन्य उपयोग में आता है. सफेद नारियल को हम कच्चा भी खाते हैं. इसके साथ साथ नारियल से मिठाइयां और कई पकवान भी बनाये जाते हैं. नारियल के रेशों से गद्दे, थैले तथा और भी कई प्रकार की उपयोगी चीजें बनाई जाती हैं. नारियल को विभिन्न प्रकार से उपयोग कर हम भिन्न-भिन्न वस्तुएँ बनाते हैं और देश के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में इनका व्यापार भी करते हैं. हमारे देश में नारियल से बनी बनी वस्तुओं के निर्यात से हमारे देश को लगभग 500 करोड़ की राष्ट्रीय आमदनी होने का अनुमान है.
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1981 में बना नारियल विकास बोर्ड
भारत वर्ष में नारियल की खेती एवं उद्योग के समेकित विकास के लिए भारत सरकार ने 1981 में नारियल विकास बोर्ड का गठन किया था. इसका मुख्यालय केरल के कोच्ची शहर में है और इसके 3 क्षेत्रीय कार्यालय पटना (बिहार) स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के नियंत्रणाधीन 5 राज्य स्तरीय केंद्र हैं. एक उड़ीसा के भुवनेश्वर, दूसरा पश्चिम बंगाल के कलकत्ता, तीसरा मध्य प्रदेश के कोंडेगाँव, चौथा असम के गुवाहटी तथा पांचवां त्रिपुरा के अगरतला में स्थित है। राज्य स्तरीय केन्द्रों के अतिरिक्त 4 प्रदर्शन-सह-बीज उत्पादन प्रक्षेत्र, सिंहेश्वर (बिहार), कोंडेगाँव (मध्य प्रदेश), अभयपुरी (असम), बेलबारी (त्रिपुरा) भी पटना क्षेत्रीय कार्यालय के तकनीकी मार्गदर्शन में कार्यरत हैं. यहाँ से नारियल सम्बन्धी तकनीकी जानकारी किसानों को उपलब्ध कराई जाती है.