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खदानों से कोयले का उत्पादन बढ़ा, लेकिन पावर प्लांट में सिर्फ 2 दिन का कोयला बचा

छत्तीसगढ़ के कोरबा के कोयला खदानों में भले ही कोयले का उत्पादन पहले से बढ़ गया है. लेकिन पावर प्लांट में कोयले की कमी (shortage of coal in power plant) बनी हुई है. कई पावर प्लांट्स के पास सिर्फ दो दिन का कोयला बचा है.

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Published : Oct 29, 2021, 5:08 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 5:16 PM IST

कोरबा : एसईसीएल (South eastern coal fields) की कोयला खदानों से भले ही कोयले के उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की गई हो, लेकिन पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक अब भी निर्धारित मांग के अनुरूप नहीं बढ़ा है. पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक पखवाड़े भर पहले की तुलना में कुछ बेहतर जरूर हुआ है. लेकिन मापदंडों के अनुरूप कम से कम 15 दिन का कोल स्टॉक अब भी प्रदेश में संचालित किसी भी पावर प्लांट के पास मौजूद नहीं है. हालांकि कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के दौरे के बाद अब रेलवे द्वारा भी कोरबा से लगभग 40 रैक कोयला रोज डिस्पेच किया जा रहा है.

कोयले का उत्पादन बढ़ा, प्लांट में स्टॉक नहीं
SECL की कोयला खदानों ने पिछले 10 दिनों के भीतर तीन मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है. प्रतिदिन उत्पादन भी अब 3.75 लाख टन हो गया है. जबकि पूर्व में यह 3 लाख टन ही दर्ज किया जा रहा था. चिंता वाली बात यह है कि कोयले के उत्पादन में बढ़ोतरी होने के बावजूद पावर प्लांट के पास पर्याप्त मात्रा में कोयला मौजूद नहीं है. अधिकारियों की माने तो कोयला का उत्पादन तीव्र गति से हो रहा है. पावर प्लांटों के पास भी स्टॉक में जल्द ही बढ़ोतरी होगी. किसी भी पावर प्लांट को कोयले की कमी नहीं होगी. इसलिए कोयला संकट वाली बात अब बिल्कुल भी नहीं है.

SECL को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 172 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य है, जिसके लिए हर महीने 21 मिलियन टन से अधिक कोयले का उत्पादन करना होगा. तभी मौजूदा वित्तीय वर्ष के कोयला उत्पादन लक्ष्य को पाना संभव होगा. अब तक की स्थिति में SECL ने 63 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर लिया है. हालांकि, लक्ष्य के अनुरूप अब तक 82.13 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर लिया जाना था. निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अब SECL को 5 महीने में 108.55 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करना है. जिसके लिए हर हाल में 21 मिलियन प्रति माह कोयले का उत्पादन सुनिश्चित करना होगा. जो एक बड़ी चुनौती है.

DSPM और NTPC के पास 2 दिन का कोयला
सेंट्रल सेक्टर के लिए 2600 मेगावाट विद्युत क्षमता वाली NTPC और राज्य सरकार का 500 मेगावाट के संयंत्र DSPM के पास 2-2 दिन का कोयला बचा है. दोनों ही संयंत्र कोरबा जिले में संचालित हैं और विद्युत उत्पादन क्षेत्र में दोनों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है. वर्तमान में इन दोनों ही विद्युत उत्पादन इकाइयों के पास सिर्फ 2-2 दिन के कोयले का स्टॉक है. जबकि दोनों पावर प्लांट मिलकर 3100 मेगावाट बिजली प्रतिदिन का उत्पादन कर सकते हैं.

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कुसमुंडा के GM का हुआ तबादला
कोयला मंत्री के दौरे के बाद SECL के मेगा प्रोजेक्ट में शुमार कुसमुंडा कोयला खदान के GM पर तबादले की गाज गिरी है. लगातार उत्पादन से पिछड़ने के बाद कुसमुंडा के जीएम का मुख्यालय स्तर से तबादला कर दिया गया है. हालांकि वर्तमान में गेवरा, दीपका और कुसमुंडा जो SECL के मेगा प्रोजेक्ट में शुमार हैं. सभी से तीव्र गति से उत्पादन करने का प्रयास किया जा रहा है. तीनों परियोजना को मिलाकर हर दिन औसतन 75 से 80 हजार टन कोयला का उत्पादन किया जाता है. कुसमुंडा के जीएम के साथ ही इन खदानों से AGM स्तर के 5 अधिकारियों का भी हाल ही में तबादला कर दिया गया है.

पावर प्लांट में फिलहाल इतना है कोयला स्टॉक

पावर प्लांट विद्युत क्षमता(MW) कोयला (क्षमता हजार टन में) कोल स्टॉक/दिन
बालको 600 65 9
NTPC कोरबा 2600 99.4 2
NTPC सीपत 2980 295 8
DCPM 500 18.2 2
HTPP 1340 98.9 6
मडवा 1000 82.2 8
भिलाई TPS 500 33.1 5
अकलतरा TPS 1800 141 9
लारा TPS 1600 80.9 3
लैंको पताढ़ी 600 102.6 13

उत्पादन में आई तेजी
SECL के जनसंपर्क अधिकारी सनीश चंद्र ने बताया कि पावर प्लांट में कॉल स्टॉक चिंता का विषय नहीं है. SECL के खदानों से तेजी से कोयले का उत्पादन हो रहा है. रोजाना लक्ष्य के अनुरूप कोयले का उत्पादन खदानों से किया जा रहा है. कोयला संकट वाली कोई बात नहीं है.

Last Updated : Oct 29, 2021, 5:16 PM IST

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