दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

आवंटियों के लिए कोयला ब्लॉकों को 'सरेंडर' करने की योजना लाएगा कोयला मंत्रालय - कोयला मंत्रालय कोयला खानों

कोयला मंत्रालय कोयला खानों को 'सरेंडर' या वापस करने की योजना लाने की तैयारी कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

coal
coal

By

Published : Oct 3, 2021, 1:29 PM IST

नई दिल्ली : कोयला मंत्रालय कोयला खानों को 'सरेंडर' या वापस करने के लिए योजना बना रहा है. इसके तहत जो आवंटी तकनीकी कारणों से कोयला खानों का विकास करने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें खानों को सरेंडर करने की अनुमति होगी.

कोयला मंत्रालय के 2021-22 के एजेंडा के अनुसार, प्रस्तावित योजना के तहत जांच समिति द्वारा खान को सरेंडर करने के प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी. उसके बाद कोयला ब्लॉकों को बिना वित्तीय जुर्माने के इन्हें वापस करने की अनुमति दी जाएगी.

एजेंडा 2021-22 में कहा गया है, आवंटित कोयला ब्लॉकों से उत्पादन बढ़ाने तथा कारोबार सुगमता के लिए एक योजना तैयार की जा रही है जिसके अंतर्गत उन आवंटियों को ब्लॉकों को सरेंडर करने की अनुमति होगी, जो तकनीकी वजहों से इनका विकास करने की स्थिति में नहीं होंगे.

इस योजना के तहत वापस किए गए ब्लॉकों को तत्काल वाणिज्यिक खनन को नीलामी के लिए पेश किया जाएगा, जिससे वहां से तत्काल उत्पादन शुरू किया जाएगा। इस कदम से नीलामी मार्ग से आवंटित कोयला खानों से उत्पादन बढ़ाने में मदद मिलेगी.

देश में कोयले की बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए एक योजना बनाई जा रही है जिसके तहत आवंटियों को अपनी खुद की जरूरत (कैप्टिव) को पूरा करने के बाद 50 प्रतिशत तक उत्पादन को बेचने की अनुमति होगी.

पढ़ें :-बिजली की मांग बढ़ने से भारत में कोयला संकट, कुछ दिनों का स्टॉक शेष

इस कदम से आवंटी अधिक उत्पादन को प्रोत्साहित होंगे और वे अधिक कोयला बाजार में बेच सकेंगे.

बीते वित्त वर्ष में देश का कोयला उत्पादन 2.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 71.60 करोड़ टन रह गया. कोयला मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में कोयला उत्पादन 73.08 करोड़ टन रहा था.

कुल कोयला उत्पादन में नॉन कोकिंग कोयला का हिस्सा 67.12 करोड़ टन और कोकिंग कोयला का 4.47 करोड़ टन रहा था.

इसमें से सार्वजनिक क्षेत्र का उत्पादन 68.59 करोड़ टन और निजी क्षेत्र का 3.01 करोड़ टन रहा था.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details