नई दिल्ली : कोयला मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि वह तीन प्रमुख पहलुओं- संस्थागत संचालन व्यवस्था, लोग और समुदाय तथा पर्यावरण सुधार एवं न्यायसंगत बदलाव के सिद्धांतों पर भूमि के पुन: उपयोग-के आधार पर खान को बंद करने की रूपरेखा को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है.
किसी खदान को बंद करने की प्रक्रिया तब अपनायी जाती है जब संबंधित खदान के परिचालन का चरण समाप्त हो रहा होता है या हो गया है.
कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा कि वह इस कार्यक्रम में सहायता के लिए विश्व बैंक के साथ परामर्श कर रहा है.
बयान के अनुसार, विश्व बैंक के पास विभिन्न देशों में खदान बंद करने के मामलों को संभालने का व्यापक अनुभव है. यह हमारे लिये फायदेमंद है और खदान बंद करने के मामलों को संभालने में बेहतर गतिविधियों और मानकों को अपनाने में मदद करेगा.
विश्व बैंक के साथ प्रस्तावित जुड़ाव के लिए एक प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट (पीपीआर) जरूरी मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को दी गयी है.