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Coal levy PMLA Case ईडी ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायकों, पीसीसी कोषाध्यक्ष की 51 करोड़ की संपत्ति कुर्क की - छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई

ED action in Chhattisgarh ईडी ने छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्रवाई की है. विधायक देवेंद्र यादव, सीपी राय और पीसीसी कोषाध्यक्ष की 51 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है.

Coal levy PMLA case
छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई

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Published : May 9, 2023, 1:30 PM IST

Updated : May 9, 2023, 4:15 PM IST

रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित कोयला लेवी जांच मामले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, चंद्रदेव प्रसाद राय और पीसीसी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल की चल संपत्ति, लग्जरी गाड़ियां, आभूषण और 51 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी कुर्क की है. इससे पहले छत्तीसगढ़ में हुई कार्रवाई में 170 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई थी. अब तक जब्त संपत्ति की कुल कीमत 221 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई: ईडी ने आईएएस अधिकारी रानू साहू, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, आरपी सिंह और विनोद तिवारी की संपत्तियों को भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत कुर्क किया है. ईडी के अधिकारी ने कहा कि "कोयला लेवी घोटाले में सूर्यकांत तिवारी के साथ बाकी सभी के खिलाफ वित्तीय संबंधों का प्रत्यक्ष प्रमाण मिला था. पीएमएलए के तहत कुर्की की कार्यवाही के लिए अपराध की आय या समकक्ष संपत्तियों की पहचान की गई थी."

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इससे पहले ईडी ने दिसंबर के महीने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव सौम्या चौरसिया, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी और अन्य की संपत्तियां अटैच की थी. अटैच की गई संपत्तियों में फ्लैट, गहने, नकदी, कोयला वाशरी और प्लॉट शामिल थे. जब्त संपत्तियों की कुल कीमत 151 करोड़ रुपये से ज्यादा थी.

छत्तीसगढ़ में कब से हो रही ईडी की कार्रवाई:ईडी ने 11 अक्टूबर 2022 को छत्तीसगढ़ में 75 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा था. इसके बाद 13 अक्टूबर को ईडी ने IAS समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और वकील-कारोबारी लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया. 29 अक्टूबर को कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने रायपुर की कोर्ट में सरेंडर किया. उसके बाद दो दिसंबर को ईडी ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया.

छत्तीसगढ़ कोल लेवी स्कैम:15 जुलाई 2020 को छत्तीसगढ़ में खनन विभाग ने खदानों से कोयले के ट्रांसपोर्ट के लिए ई परमिट की ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया. नया नियम लागू होने के बाद एनओसी जारी करना जरूरी हो गया. ईडी का दावा है कि इसके लिए स्टेंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर जारी नहीं किया गया. इसके तहत माइनिंग कंपनी खरीदार के पक्ष में कोल डिलीवर ऑर्डर करती है. इसके बाद कंपनी 500 रुपये प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से राशि जमा करती है निश्चित समय सीमा के अंदर कोयला उठाना पड़ता है. ईडी का दावा है कि नए नोटिफिकेशन के तहत बिना एनओसी के परमिट जारी नहीं किया जाता और सीडीओ का भी पालन नहीं किया जाता. 45 दिन के बाद सीडीओ खत्म हो जाती है और माइनिंग कंपनी की ईएमडी जब्त कर ली जाती है.

Last Updated : May 9, 2023, 4:15 PM IST

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