चंड़ीगढ़ : पंजाब में बिजली संकट गहराता जा रहा है. कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन आधे से भी कम हो गया है. राज्य की छठी थर्मल प्लांट इकाई को बंद करना पड़ा है. गोइंदवाल साहिब की एक यूनिट बंद करनी पड़ी है.
फिलहाल 36 घंटे का कोयला निजी थर्मल प्लांट के पास बचा है. वहीं रविवार को सरकारी थर्मल प्लांट के लिए 11 रेक कोयला आ चुका है, जिसे प्लांट तक पहुंचने में 2 से 3 दिन का समय लगेगा. जो प्लांट चल रहे हैं, वे भी आधी क्षमता से बिजली पैदा कर रहे हैं. इन हालात से साफ है कि पंजाब की जनता को अब भी 15 अक्टूबर तक 4 से 6 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा.
पावरकॉम के सीएमडी ए वेणुप्रसाद ने कहा कि जरूरत के मुताबिक कोयला नहीं आ रहा है. हमें कोयले के 22 रैक चाहिए थे लेकिन 11 मिले. इस वजह से बिजली के उत्पादन और मांग के बीच बहुत बड़ा अंतर आ गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 4 दिनों के बाद बिजली की स्थिति में सुधार होना शुरू हो जाएगा.
वहीं नवजोत सिद्धू ने एक दिन पहले ही अपनी ही सरकार को सलाह दी थी. सिद्धू ने कहा कि सरकार पहले पछताने और बाद में सुधार करने के बजाय इससे निपटने के लिए निगरानी और तैयारी करे. यह सुझाव सीधे बिजली विभाग देख रहे सीएम चरणजीत चन्नी को देने के बजाय सिद्धू ने यह सुझाव सोशल मीडिया पर डाल दिया था. सिद्धू हमेशा से पंजाब में बिजली को लेकर मुखर रहे हैं. सिद्धू कहते रहे हैं कि अकाली-भाजपा सरकार के गलत बिजली समझौतों (पीपीए) से लोगों को महंगी बिजली मिल रही है.
गुरनानक थर्मल प्लांट एम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष गुरसवेक सिंह ने कहा कि सरकारे मुफ्त बिजली की घोषणा तो करती है लेकिन समय यह है की मुफ्त में बिजली देने के बजाये पैसे लिए जाएं और पावर कट ना रहे. उन्होंने कहा की पंजाब में बिजली की समस्या इस साल दो बार आई. पहले मानसून देरी से होने का बहाना सरकार ने बनाया कोयले की कमी बताई लेकिन यह सरासर पंजाब सरकार पीएसपीएसएल की लापरवाही है.
पंजाब भाजपा के जनरल सेक्रेटरी जीवन लाल गुप्ता ने कहा कि यदि पंजाब में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आती है तो प्रदेश की जनता को 24 घण्टे बिजली मिलेगी और सस्ती बिजली दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बाकि सियासी पार्टियां जो मुफ्त बिजली देने का ऐलान कर रही वो पंजाब की जनता को गुमराह कर रहे है पंजाब की जनता को मुर्ख बनाया जा रहा है.
यूथ अकाली दल के प्रवक्ता प्रभजोत सिंह धालीवाल ने कहा की एक होती है वादे करने वाली बात और एक डिलीवर करने की. पंजाब में सियासी पार्टियां वादे तो कर रही है लेकिन डिलीवर अकाली दल ही करेगी.