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पंजाब में गहराया बिजली संकट, उद्योगों पर असर पड़ने की संभावना

पंजाब के सभी सियासतदान जानते हैं कि पंजाब में पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते बिजली महंगी है. पीएसपीसीएल घाटे में चल रहा है, कई थर्मल पावर प्लांट बंद किए जा चुके है और जो बचे है वो भी बंद होने की कगार पर हैं. वहीं देश के अन्य राज्यों में भी आने वाले दिनों में बिजली संकट पैदा होने के आसार नजर आ रहे हैं.

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Published : Oct 11, 2021, 9:28 PM IST

Coal
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चंड़ीगढ़ : पंजाब में बिजली संकट गहराता जा रहा है. कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन आधे से भी कम हो गया है. राज्य की छठी थर्मल प्लांट इकाई को बंद करना पड़ा है. गोइंदवाल साहिब की एक यूनिट बंद करनी पड़ी है.

फिलहाल 36 घंटे का कोयला निजी थर्मल प्लांट के पास बचा है. वहीं रविवार को सरकारी थर्मल प्लांट के लिए 11 रेक कोयला आ चुका है, जिसे प्लांट तक पहुंचने में 2 से 3 दिन का समय लगेगा. जो प्लांट चल रहे हैं, वे भी आधी क्षमता से बिजली पैदा कर रहे हैं. इन हालात से साफ है कि पंजाब की जनता को अब भी 15 अक्टूबर तक 4 से 6 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा.

पावरकॉम के सीएमडी ए वेणुप्रसाद ने कहा कि जरूरत के मुताबिक कोयला नहीं आ रहा है. हमें कोयले के 22 रैक चाहिए थे लेकिन 11 मिले. इस वजह से बिजली के उत्पादन और मांग के बीच बहुत बड़ा अंतर आ गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले 4 दिनों के बाद बिजली की स्थिति में सुधार होना शुरू हो जाएगा.

वहीं नवजोत सिद्धू ने एक दिन पहले ही अपनी ही सरकार को सलाह दी थी. सिद्धू ने कहा कि सरकार पहले पछताने और बाद में सुधार करने के बजाय इससे निपटने के लिए निगरानी और तैयारी करे. यह सुझाव सीधे बिजली विभाग देख रहे सीएम चरणजीत चन्नी को देने के बजाय सिद्धू ने यह सुझाव सोशल मीडिया पर डाल दिया था. सिद्धू हमेशा से पंजाब में बिजली को लेकर मुखर रहे हैं. सिद्धू कहते रहे हैं कि अकाली-भाजपा सरकार के गलत बिजली समझौतों (पीपीए) से लोगों को महंगी बिजली मिल रही है.

गुरनानक थर्मल प्लांट एम्प्लाइज यूनियन के अध्यक्ष गुरसवेक सिंह ने कहा कि सरकारे मुफ्त बिजली की घोषणा तो करती है लेकिन समय यह है की मुफ्त में बिजली देने के बजाये पैसे लिए जाएं और पावर कट ना रहे. उन्होंने कहा की पंजाब में बिजली की समस्या इस साल दो बार आई. पहले मानसून देरी से होने का बहाना सरकार ने बनाया कोयले की कमी बताई लेकिन यह सरासर पंजाब सरकार पीएसपीएसएल की लापरवाही है.

पंजाब भाजपा के जनरल सेक्रेटरी जीवन लाल गुप्ता ने कहा कि यदि पंजाब में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आती है तो प्रदेश की जनता को 24 घण्टे बिजली मिलेगी और सस्ती बिजली दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बाकि सियासी पार्टियां जो मुफ्त बिजली देने का ऐलान कर रही वो पंजाब की जनता को गुमराह कर रहे है पंजाब की जनता को मुर्ख बनाया जा रहा है.

यूथ अकाली दल के प्रवक्ता प्रभजोत सिंह धालीवाल ने कहा की एक होती है वादे करने वाली बात और एक डिलीवर करने की. पंजाब में सियासी पार्टियां वादे तो कर रही है लेकिन डिलीवर अकाली दल ही करेगी.

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता टीना चौधरी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जो गारंटी पंजाब में दी है वह उन्होंने दिल्ली में जिस तरह से वह आम जनता को 200 यूनिट मुफ्त में बिजली दे रहे हैं उसी तरह पंजाब के हालातों को देखते हुए यह उन्होंने बराबरी को देखते हुए यह फैसला दिया है.

वहीं पंजाब के में बिजली संकट से लुधियाना इंडस्ट्री पर असर पड़ सकता है. कारोबारी चिंतित दिखाई दे रहे हैं. खासकर लुधियाना के में बड़ी तादाद में साइकिल इंडस्ट्री, हौजरी इंडस्ट्री आटो पार्टस इंडस्ट्री, हैंडटूल इंडस्ट्री, सिलाई मशीन इंडस्ट्री, डायंग इंडस्ट्री, रेडिमेड गारमैंट इंडस्ट्री की लगभग 40 हजार से अधिक यूनिट हैं. जिन पर खतरा मंडरा रहा है.

तमिलनाडु में बिजली संकट

देश भर में कोयले की कमी होने की वजह से आने वाले दिनों में कुछ राज्यों में बिजली की भारी कटौती हो सकती है. तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों और राजस्थान और गुजरात के उत्तरी राज्यों में सबसे कम कोयला भंडार होने के कारण कुछ दिनों में बिजली की पूरी कमी होने की संभावना है. अधिकारियों का कहना है कि इससे बिजली दरों में बढ़ोतरी की संभावना है.

भारत के अधिकांश राज्य ताप विद्युत संयंत्रों में उत्पादित कोयले से अपनी बिजली की मांग को पूरा करते हैं. इसके अलावा जरूरत के मुताबिक विदेशों से कोयले का आयात किया जा रहा है. वर्तमान में भारत में कोयले का आयात तेजी से गिर गया है क्योंकि वैश्विक कोयले की कीमतों में 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसके अलावा बिजली संयंत्रों में उत्पादन तेजी से गिर गया है क्योंकि बिजली संयंत्र भी आयातित कोयले पर निर्भर हैं.

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इस परिदृश्य में अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कोविड-19 महामारी के बाद से सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू गई हैं. यह सच है कि कोयले की कीमत वैश्विक स्तर पर बढ़ी है.

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