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ED raid in Chhattisgarh: सुर्खियों में कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी - Political connection of Suryakant Tiwari in CG

10 जुलाई को छत्तीसगढ़ के कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी ने रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और प्रदेश में आईटी छापे को लेकर एक बयान दिया. सूर्यकांत तिवारी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में सत्ता पलट की साजिश रची जा रही है. जिसके लिए भाजपा और आयकर विभाग उन्हें मोहरा बना रहे हैं. सूर्यकांत के इस बयान के बाद प्रदेश में ईडी की रेड पड़ी. जिसमें कई कारोबारियों के ठिकानों पर दबिश दी गई. हाल ही में हुई ईडी की कार्रवाई में कारोबारियों के साथ अफसरों को भी लपेटे में लिया गया. जिसमें एक बार फिर सूर्यकांत तिवारी का नाम आया. हालांकि सूर्यकांत तिवारी ईडी की पकड़ में नहीं आया. आइए आपको बताते हैं कि सूर्यकांत तिवारी कौन है और किस राजनीतिक दल से इनका कनेक्शन है. Political connection of Suryakant Tiwari in CG

ED raid in Chhattisgarh
सुर्खियों में कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी

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Published : Oct 16, 2022, 5:14 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में इन दिनों कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी की चर्चा जोरों पर है. इनके यहां कुछ माह पूर्व आईटी की रेड पड़ी थी. अब इन पर ईडी अपना शिकंजा कस रहा है. ऐसे में लोगों के जेहन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सूर्यकांत तिवारी कौन है? आइए जानते हैं सूर्यकांत तिवारी के बारे में विस्तृत जानकारी.... Political connection of Suryakant Tiwari in CG

महासमुंद के रहने वाला हैं सूर्यकांत तिवारी: राजनीतिक रसूख वाले कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी मूल रूप से छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के रहने वाले हैं. वहीं से उनका राजनीतिक और व्यापारी करियर शुरू हुआ है.

एनएसयूआई का रह चुका हैं जिला अध्यक्ष:बताया जा रहा है किसूर्यकांत शुरू से ही कांग्रेस से जुड़े रहे हैं. शुरुआत में सूर्यकांत छात्र राजनीति में सक्रिय हुए. जिसके बाद उन्हें एनएसयूआई का जिला अध्यक्ष बनाया गया. उनका राजनीतिक कैरियर यहीं नहीं थमा, वे आगे भी कांग्रेस से लगातार जुड़े रहे.

विद्याचरण शुक्ल के समय से सूर्यकांत की राजनीति है जारी:सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल के समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. उस दौरान से सूर्यकांत लगातार कांग्रेस में बने रहे हैं. हालांकि इन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं मिला, बावजूद इसके वे पार्टी में बने रहे.

सीएम बघेल के साथ सूर्यकांत तिवारी

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जोगी के भी करीबी:सूर्यकांत को अजीत जोगी का भी करीबी बताया जाता है. अजीत जोगी के साथ भी सूर्यकांत कई जगह पर नजर आए हैं. यहां तक कि जब अजीत जोगी की मायावती से मुलाकात हुई, उस दौरान भी सूर्यकांत तिवारी उनके साथ हैं. जो तस्वीरों में देखा जा सकता है.

मायावती और जोगी के साथ सूर्यकांत तिवारी

महासमुंद नगर पालिका चुनाव में मिली थी हार:अजीत जोगी के आशीर्वाद से तिवारी ने महासमुंद नगर पालिका का चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार गए थे. उसके बाद कभी राजनीति में मुखर नहीं हुए और व्यापार में ही आगे बढ़ते गए.

भाजपा सरकार से सूर्यकांत के थे अच्छे संबंध:प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थी उस दौरान भी सूर्यकांत तिवारी के भाजपा नेताओं से अच्छे संबंध थे. यही वजह थी कि सूर्यकांत विभिन्न अवसरों पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित अन्य तत्कालीन मंत्रियों से मुलाकात करते थे. इस दौरान उनकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर देखी जा सकती है. इसमें सूर्यकांत पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, पूर्व मंत्री राजेश मूणत, बृजमोहन अग्रवाल, केदार कश्यप के साथ मौजूद हैं. यहां तक कि वे मध्य प्रदेश के भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के साथ भी देखे गए हैं. इस दौरान उनके साथ बृजमोहन अग्रवाल भी मौजूद रहे.

सूर्यकांत तिवारी के राजनीतिक दलों से रिश्ते

भाजपा से सिर्फ व्यवहारिक एवं व्यापारिक रहे संबंध:प्रदेश में 15 साल तक भाजपा की सरकार थी. इस दौरान सूर्यकांत तिवारी लगातार तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित अन्य मंत्रियों से मिलते रहे लेकिन इस बीच उन्होंने कभी भाजपा में जाने या फिर उसमें शामिल होने की बात नहीं कही. भाजपा के साथ सूर्यकांत के सिर्फ व्यवहारिक एवं व्यापारिक संबंध रहे हैं.

राजनेताओं के साथ सूर्यकांत तिवारी

आईटी की रेड के बाद सुर्खियों में आए सूर्यकांत तिवारी:इस साल 30 जून को प्रदेश के कई शहरों में इनकम टैक्स की रेड पड़ी. इसके बाद 5 जुलाई को भाजपा ने दावा किया कि जिनके यहां आईटी की रेड पड़ी है वह कांग्रेस नेताओं के करीबी हैं. इस बीच कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी का नाम भी सामने आया. महासमुंद निवासी इस कारोबारी के अलग-अलग ठिकानों में पड़ी आईटी की रेड में करोड़ों के बेनामी लेन-देन के सबूत मिले.

कांग्रेस ने सूर्यकांत को बताया भाजपा का करीबी:कांग्रेस के नेताओ ने सूर्यकांत तिवारी को अपना नहीं बल्कि भाजपा नेताओं का करीबी बताया था. भाजपा के आरोपों के बाद सोशल मीडिया पर कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने राजेश मूणत समेत प्रदेश के बड़े भाजपा नेताओं के साथ सूर्यकांत की तस्वीरें शेयर की थी. आरपी सिंह ने तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा है- ये मुलाकात एक बहाना है.. प्यार का सिलसिला पुराना है… इन तस्वीरों के बारे में भाजपा को क्या कहना है? पूछता है छत्तीसगढ़. "

सोशल मीडिया पर चलता रहा वार:इसके बाद सोशल मीडिया पर खुद को घिरता देख राजेश मूणत ने कांग्रेस प्रवक्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि – "कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने सूर्यकांत के साथ भाजपा नेताओं की फोटो जारी की है स्वाभाविक हैं हम जनप्रतिनिधि हैं, वो मिलने आए हो. मगर आयकर विभाग की कार्रवाई में जो दस्तावेज बरामद हुए उसका ताल्लुक किससे है ये बताना चाहिए, हमारी फोटो जारी करने से सच्चाई छुप नहीं सकती. सूर्यकांत का कांग्रेस से क्या संबंध है बताएं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम. "

आईटी ने कॉन्ग्रेस विधायक तोड़ सीएम बनने का दिया था ऑफर:पूर्व में डाले गए आईटी के छापे के बाद सूर्यकांत तिवारी ने भाजपा पर कई संगीन आरोप लगाए थे. सूर्यकांत ने कहा था कि छापे के दौरान आईटी के अफसर बार-बार उन पर ये दबाव बना रहे थे कि वो सीएम हाउस से जुड़े अधिकारी का नाम लें, आईटी के अफसर छत्तीसगढ़ में तख्तापलट करने की बात भी कह रहे थे. मुख्यमंत्री बनाने का प्रलोभन देते हुए उन्हें कहा गया कि उनके 40-45 विधायकों के साथ संबंध है, वो उन्हें लेकर छत्तीसगढ़ में तख्ता पलट कर दें. एकनाथ शिंदे की तरह उन्हें छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा.

जून में सूर्यकांत तिवारी सहित अन्य अधिकारियों के यहां छापे के बाद आयकर विभाग ने कहा था कि 9.5 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित नकदी और लगभग 5 करोड़ रुपये आभूषण जब्त किया गया. 200 करोड़ रुपये से अधिक के कलेक्शन के सबूत मिलने की बात कही गई थी. सूत्रों के मुताबिक आईटी के हाथ पॉलीटिकल फंडिग के साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े कुछ अहम दस्तावेज लगे थे. जिसके बाद 11 अक्टूबर को ईडी ने राज्य के कई जिलों में दबिश दी. जिसमें सूर्यकांत तिवारी, महासमुंद में रहने वाले उनके ससुर और कांग्रेस के पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर के अलावा अन्य रिश्तेदारों, रायगढ़ कलेक्टर और IAS अफसर रानू साहू, जेपी मौर्य, समीर विश्नोई, बादल मक्कड़, सनी लुनिया, अजय नायर के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई.

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