नई दिल्ली :कोविड के कारण लॉकडाउन की स्थिति पर काबू पाने और डेढ़ साल से अधिक समय से पूर्ण बंद का सामना करने के बाद देश भर के कोचिंग संस्थान आखिरकार पुनरुद्धार के लिए कमर कस रहे हैं. इस क्रम में उद्योग में नैतिकता लाने और धोखाधड़ी की गतिविधियों को रोकने के लिए कोचिंग संस्थानों ने फेडरेशन का गठन किया है.
हितधारकों के लिए इस पुनरुद्धार को अधिक उत्पादक और नैतिक बनाने के लिए उद्योग शिक्षा क्षेत्र और इसमें शामिल अन्य सभी हितधारकों से संबंधित मुद्दों पर काम करने के लिए कोचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नामक एक फेडरेशन का गठन किया गया है.
देश भर में फैले इस क्षेत्र को संगठित करने और उन्हें एक साझा मंच पर लाने की पहली पहल महामारी के दौरान हुई उस समय हुई, जब अनुभवी कोचिंग पेशेवरों के एक समूह ने उन लोगों के लिए आगे आने का फैसला किया, जिन्होंने संस्थानों के बंद होने के कारण अपनी नौकरी गंवा दी और जिन संस्थानों को अपने परिसर का किराया देने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था.
सीएफआई को कोचिंग पेशेवरों, संस्थानों, बड़े ब्रांडों और यहां तक कि छोटे शहरों के छोटे समूहों के संयोजन द्वारा बनाया गया है.
इस मामले में एनके गुप्ता ने कहा कि फेडरेशन बोर्ड के सदस्यों ने कोचिंग फीस पर उच्च जीएसटी पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि वे इसे कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से संपर्क करेंगे.
मान लीजिए इंजीनियरिंग और मेडिकल कोचिंग की फीस 2 लाख है और उस पर 18% GST है, तो माता-पिता को सिर्फ उच्च जीएसटी के कारण 36000 अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है.