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Published : Oct 8, 2022, 1:32 PM IST

Updated : Oct 8, 2022, 2:32 PM IST

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CNG Prices Hike : 20 महीने में बढ़ा दिए 74 प्रतिशत दाम, जानिए कब कब कितना बढ़ा

CNG Prices Hike की चर्चा के बाद मुंबई में महानगर गैस के आंकड़ों के आधार पर देखें तो 2022 में सीएनजी की कीमत में सातवीं बार बढ़ोतरी की गयी है. अगर पुराने आंकड़ों पर गौर किया जाय तो पता चलता है कि पिछले 20 महीने में सीएनजी के दाम 49.40 से बढ़कर 86 रुपए हो गए हैं.

CNG Prices Hike
CNG Prices Hike

नई दिल्ली : प्राकृतिक गैस (Natural Gas) की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद दिल्ली-एनसीआर में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) एक बार फिर महंगी हो गई है. IGL द्वारा सीएनजी के दाम (CNG Price in Delhi) 3 रुपये प्रति किलो बढ़ाने के साथ साथ PNG के दाम में भी 3 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. शनिवार से बढ़े हुए रेट लागू हो जाने के बाद से दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद समेत कई उत्तर भारतीय शहरों में शनिवार 8 अक्टूबर से सीएनजी की कीमतें बढ़ गयीं हैं. इसी के साथ करनाल, कानपुर और मुजफ्फरनगर जैसे शहरों में भी कीमतें बढ़ेंगी.

मुंबई में महानगर गैस के आंकड़ों के आधार पर देखें तो 2022 में सीएनजी की कीमत में सातवीं बार बढ़ोतरी की गयी है. प्राकृतिक गैस की वैश्विक कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी के बाद भारत में 1 अक्टूबर से अब तक 40% की बढ़ोतरी देखी गयी है. अगर पुराने आंकड़ों पर गौर किया जाय तो पता चलता है कि पिछले 20 महीने में सीएनजी के दाम 49.40 से बढ़कर 86 रुपए हो गए हैं.

सीएनजी के दामों में वृद्धि (मुंबई में महानगर गैस के आंकड़े)

इसके अलावा केवल दो बार दाम घटाए भी गए हैं...

दो बार घटे दाम

क्या है सीएनजी

सीएनजी को हिंदी भाषा में संपीडित प्राकृतिक गैस और अंग्रेज़ी भाषा में Compressed Natural Gas अर्थात् संक्षेप में CNG कहा जाता है. यह प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाली ज्वलनशील गैस होती है, जिसे अत्यधिक दबाब के अन्दर रखकर तरल (Liquid) बना दिया जाता है. इस प्राकृतिक गैस को तरल बनाकर इंधन के रूप में यूज किया जाता है. फिलहाल इस गैस का उपयोग वाहनों में किया जा रहा है. इस गैस का वाहनों में उपयोग करने के लिए 200 से 250 किलोग्राम प्रति वर्ग से.मी. तक दबाया जाता है. प्राकृतिक गैस को दबाकर कम करने का प्रमुख उद्देश्य यह होता है कि गैस का आयतन कम हो जाए. प्राकृतिक गैस की तरह सी.एन.जी. भी रंगहीन, गंधहीन और विषहीन होती है. पूरी दुनिया में लगभग 1 करोड़ 20 लाख वाहन वर्तमान में प्राकृतिक गैस द्वारा ही संचालित होते हैं. दिन प्रतिदिन अधिक से अधिक कंपनियां और नगर पालिकाएं सीएनजी को बढ़ावा देने के आंदोलन में शामिल हो रही हैं. सीएनजी का उपयोग ऑटो-रिक्शा, पिकअप ट्रक, स्कूल बसों और ट्रेनों आदि में भी किया जाने लगा है. साथ ही खेती बारी के उपकरण भी सीएनजी से चलने लगे हैं.

Compressed Natural Gas को डीजल और पेट्रोल जैसे ईधनों के कारण हो रहे प्रदूषण को देखते हुए सबसे पहले साल 1930 में ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने का विचार आया. विदेशों में काफी सालों से इस गैस का उपयोग किया जा रहा है. जबकि भारत की बात करे बीते कुछ सालों से इस गैस को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाने लगा है.

Compressed Natural Gas- सीएनजी के कई लाभ होते हैं. पर्यावरण के लिहाज से यह गैस बेहतर मानी जाती है. पेट्रोल और डीजल की तुलना में यह कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड और जैविक गैसें कम उत्सर्जित करती है. पैट्रोल और डीजल गाड़ियों की तुलना में सी.एन.जी. का खर्च भी कम होता है. इसीलिए धीरे धीरे इसकी मांग बढ़ती जा रही है और तेजी से देशभर में सीएनजी के सर्विस स्टेशन खुल रहे हैं.

सीएनजी बस

CNG के फायदे

  • पेट्रोल डीजल की तुलना में सस्ती
  • माइलेज पेट्रोल डीजल की तुलना में अधिक
  • धुएं से पर्यावरण को किसी भी तरह से नुकसान नहीं
  • वाहन की इंजन की क्षमता बढ़ाने में सहयोगी
  • इंजन को साफ रखने में मदद
  • इंजन की आवाज कम होने से ध्वनि प्रदूषण कम
  • किट और अन्य सामान सस्ते दर पर उपलब्ध
  • सरकार द्वारा मिल रही छूट

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एक ओर जहां CNG के कई फायदे हैंतो वहीं इसके इस्तेमाल में कई परेशानियां भी आती हैं. लेकिन फायदे के मुकाबले नुकसान काफी कम है. इसलिए लोग इसकी ओर अपना रुख कर रहे हैं. सड़कों पर आपको अधिक सीएनजी वाहन दिखने लगे हैं.

सीएनजी पंप

CNG से संबंधित परेशानियां

  • देश में सर्विस स्टेशन बहुत कम होना
  • कार के इंजन को CNG इंजन बनाने में आने वाला अतिरिक्त खर्च अधिक
  • गाड़ी के एक्सॉस्ट वॉल्व का जल्दी खराब होना
  • भारी सिलिंडरों के लिए छोटे वाहनों में जगह बनाना
  • इंजन का ऑयल और एयरफ़िल्टर चेक करना जरूरी

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भारत में डीजल और पेट्रोल के उपयोग को कम करने के लिए 2030 तक 10,000 सीएनजी वितरण स्टेशन स्थापित करने की योजना है, जिसमें बड़ी संख्या में भारतीय शहर प्राकृतिक गैस वाहन कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं. वर्तमान समय के अनुमान के अनुसार देश में परिवहन क्षेत्र में 2 प्रतिशत से भी कम वाहनों में प्राकृतिक गैस का उपयोग किया जा रहा है. जैसे-जैसे प्राकृतिक गैस ग्रिड का विस्तार होता है और अधिक शहरों में प्राकृतिक गैस की पहुंच शुरू होती है, परिवहन क्षेत्र में इसके उपयोग की संभावना भी बढ़ सकती है. इसका भविष्य में काफी विस्तार होने की उम्मीद है.

भारत में ईंधन की बढ़ती कीमतों के बढ़ने के साथ-साथ सीएनजी वाहनों की बिक्री में भी वृद्धि हुई है. कीमतों को बढ़ता देख लोग सीएनजी वाहनों को खरीदना पसंद करते हैं. इन दिनों न केवल सीएनजी वाहनों की तलाश की जा रही है, बल्कि वाहन निर्माता कंपनियां तरह तरह के सीएनजी फ्रेंडली वेहिकल बना रही हैं.

भारत में 2024-25 तक सड़कों पर एक करोड़ सीएनजी वाहन हो सकते हैं. साथ ही 5,000 तक फिलिंग स्टेशन बढाए जा सकते हैं. नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनआरआई) कंसल्टिंग से मिली जानकारी के अनुसार लोग वैकल्पिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल वाहनों को चुनने में वरीयता दिखा रहे हैं. नोमुरा रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनआरआई) कंसल्टिंग की रिपोर्ट के अनुसार, सीएनजी स्टेशनों की कुल संख्या को मौजूदा 1,349 से बढ़ाकर 5,000 करने से भी कच्चे तेल के आयात में वित्त वर्ष 2024-25 तक लगभग 95,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 तक अनुमानित एक करोड़ सीएनजी वाहनों में यात्री वाहन, तिपहिया और बसें शामिल होंगी.

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के मंत्री हरदीप सिंह पुरी

भारत में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 2014 में लगभग 900 थी. जो अब बढ़कर अब 4,500 हो गई है. देश में 2024 तक अतिरिक्त 3,500 सीएनजी फिलिंग स्टेशन स्थापित करने की तैयारी ताकि इन वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को सुविधा हो सके.

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Last Updated : Oct 8, 2022, 2:32 PM IST

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