लखनऊ : बीजेपी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो एक्सिडेंटल हिंदू हैं, वो जान लें कि जनता अब और एक्सीडेंट नहीं होने देगी. अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए योगी बोले कि जब पूरा पूर्वांचल बाढ़ और दिमागी बुखार की चपेट में होता था, तब सैफई के रंगमंच कार्यक्रम हुआ करते थे. मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए मुख्तार अंसारी को भी निशाने लिया और कहा कि हम ज्यादा पंचायत नहीं करते हैं, हमारे पास बुलडोजर है, उसी का उपयोग करते हैं.
पूरनिया स्थित पंचायती राज विभाग के सभागार में लखनऊ उत्तर विधानसभा क्षेत्र के प्रबुद्धजन सम्मेलन का आयोजन विधायक डॉक्टर नीरज बोरा के नेतृत्व में किया गया. जहां योगी ने करीब 45 मिनट तक चले संबोधन में विपक्ष को जमकर निशाने पर लिया.
नेतृत्व जब समर्थ होता है तब पूरा देश साथ चलता है
योगी ने कहा कि नेतृत्व जब समर्थ होता है, तो पूरा देश साथ चलता है. 135 करोड़ की ताकत से भारत जब बोलेगा तब सब मजबूर होंगे. आप जैसा प्रबुद्ध वर्ग समाज के हर वर्ग के बीच जा सकता है. यहां अधिवक्ता, चिकित्सक, कारोबारी भी हैं. आप सब समाज का नेतृत्व करते हैं. आप हर जगह हैं. आप मूल्यों और आदर्शों के साथ समाज में जाते हैं. आप बता सकते हैं कि देश का हित क्या है. कई बार स्वयं के हित मजबूत हो जाते हैं, मगर यह जान लीजिए कि अगर देश कमजोर होगा तो आप कमजोर होंगे. जब इस देश का लोकतंत्र खतरे में था, तब हम जनता पार्टी के साथ थे. जब करप्शन की बात आई, तो हम संयुक्त मोर्चा के साथ थे. अटल जी ने देश को गठबंधन के जरिये राजनैतिक स्थिरता दी थी. जब कोई देश के खिलाफ आया तो बीजेपी ने जज्बा दिखाया. भारत की आस्था का सम्मान हो. यही कहने के लिए आपके पास आया हूं.
कोरोना में उत्तर प्रदेश में कोई भूख से नहीं मरा
योगी ने कहा कि छोटे कारोबारियों को सुविधा दी. किसी भी गरीब की भूख से मौत नहीं हुई. जिन गरीबों के छोटे खर्च नहीं पूरे हुए वह भी पूरे किए. आप लोगों ने हमको समर्थन दिया और बदले में हमने आपको सुशासन दिया. लखनऊ ही नहीं ललितपुर, सहारनपुर और पश्चिम में आप पहुंच जाएं. वहां पहले सरकार पहुंचती ही नहीं थी. सरकार में बैठे हुए अफसर नहीं माफिया और ठेकेदार सरकार में योजनायें बनाते थे.
कृषि मंत्री कृषि उत्पादन आयुक्त को नहीं जानते थे
योगी ने किस्सा सुनाया कि सपा सरकार में कृषि उत्पादन आयुक्त पूर्वी उत्तर प्रदेश आए थे. पहले कृषि मंत्री आए थे. हम बातचीत कर रहे थे. फिर मैंने गन्ने की बीमारी की बात कही थी. मैंने कहा कि आप लोग इसकी भी समीक्षा करते हैं. मंत्री ने तब पूछा कौन है कृषि उत्पादन आयुक्त. मुझे पता चला कि मंत्री छह माह से कार्यालय नहीं गये. जिसके बाद समझ आ गया प्रदेश की सरकार कैसे चल रही है.