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सीएम योगी के मुरीद हुए मुनव्वर राना, मां के साथ फोटो पर लिखा ये शेर

कभी बीजेपी के चुनाव जीतने पर यूपी छोड़ने की बात कहने वाले शायर मुनव्वर राना अब सीएम योगी की मां के साथ एक फोटो पर शेर-ओ-शायरी लिखकर बकायदा ट्वीट कर रहे हैं. उनका यह ट्वीट इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

मुनव्वर राना.
मुनव्वर राना.

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Published : May 5, 2022, 8:44 PM IST

लखनऊः कभी बीजेपी के चुनाव जीतने पर यूपी छोड़ने की बात कहने वाले शायर मुनव्वर राना अब सीएम योगी की मां के साथ एक फोटो पर शेर-ओ-शायरी लिखकर बकायदा ट्वीट कर रहे हैं. उनका यह ट्वीट इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.

दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ 28 साल बाद उत्तराखंड में अपने गांव गए हुए हैं. वहां वह अपनी मां समेत सभी परिजनों से मिल रहे हैं. ऐसे में उनकी मां के साथ एक फोटो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई. इसी फोटो पर शायर मुनव्वर राना ने अपने प्रसिद्ध शेर की चंद लाइनें लिख डालीं. इसमें वह लिखते हैं कि 'मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ, माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊं.'

उनका यह ट्वीट आते ही यूजर्स ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी. किसी ने लिखा है कि मुनव्वर साहब आप तो यूपी छोड़ने वाले थे, तो किसी ने सुझाव देते हुए लिखा है कि आप प्रेम फैलाएं, आपको भी प्रेम मिलेगा. बरहाल उनका यह ट्वीट सोशल मीडिया पर चर्चा का बड़ा विषय़ बना हुआ है.

चुनाव के पहले दी थी यूपी छोड़ने की धमकी

जनवरी में प्रसिद्ध शायर मुनव्वर राना तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने ऐलान किया था कि यदि सीएम योगी आदित्यनाथ दोबारा जीतते हैं तो वह यूपी छोड़ देंगे. वह कोलकाता या दिल्ली चले जाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा था कि उनके पिता ने पाकिस्तान जाना मंजूर नहीं किया. अगर भाजपा जीतती है तो उन्हें बड़े दुख के साथ शहर और मिट्टी छोड़नी पड़ेगी. इस बयान को लेकर वह सोशल मीडिया पर चर्चा के केंद्र में रहे थे.

मां पर इन शेरों ने मुन्नवर राना को दी थी पहचान

  • किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई, मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में मां आई
  • मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ, माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊं.
  • मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आँसू
    मुद्दतों माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
  • लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
    बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
  • मुसीबत के दिनों में हमेशा साथ रहती है
    पयम्बर क्या परेशानी में उम्मत छोड़ सकता है
  • ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया
    माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
  • इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
    माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
  • ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
    माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे

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