लखनऊ :प्रयागराज में विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार को दिनदहाड़े हत्या हो गई. इस हमले में दो पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए. इस वारदात के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई. शनिवार को यूपी विधानसभा के बजट सत्र में भी उमेश पाल की हत्या का मामला गूंजा. खुलेआम माफिया अतीक अहमद का नाम उछला. समाजवादी पार्टी ने इसे कानून-व्यवस्था का फेल्योर बताया तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि वह हत्या में शामिल माफिया को मिट्टी में मिला देंगे.
शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने तीन दिनों की चर्चा के बाद राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दिया. उनके भाषण के पहले सदन में विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या का मामला गूंजा. मीडिया से बात करते हुए नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने उमेश की हत्या के लिए प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह से प्रयागराज में वारदात हुई है उससे यह स्पष्टहो गया है कि यह सरकार पूरी तरह से विफल हो गई है. अब प्रदेश में गैंग वॉर जैसी स्थिति विकसित हो रही है. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या यह रामराज्य है, जहां बंदूकें खुले तौर पर निकाल दी जा रही हैं? यह वारदात पूरी तरह से पुलिस की विफलता है और इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है.
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर सीएम योगी ने पहले सरकार के विकास की योजनाओं पर चर्चा की. जब उन्होंने प्रयागराज में उमेश हत्याकांड पर बयान देना शुरू किया तो सदन में शोरगुल शुरू हो गया. इसके बाद सीएम आदित्यनाथ योगी के तेवर कड़े हो गए. उन्होंने बाहुबली अतीक अहमद का नाम लिए बगैर समाजवादी पार्टी पर हमला बोला. सीएम योगी ने कहा कि माफिया के खिलाफ जो जीरो टालरेंस नीति अपनाई जा रही है, उसके परिणाम सामने आएंगे. वह सपा के द्वारा पोषित माफिया है और उसकी कमर तोड़ने का काम हमारी सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पहले माफिया को संरक्षण देती है, उसका माल्यार्पण करती है फिर तमाशा भी करती है. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को आड़े हाथ लेते हुए सीएम योगी ने कहा कि आपको बहाना चाहिए था. यह पेशेवर माफिया और अपराधियों के सरपरस्त हैं और यह लगातार यही करते रहे हैं. इनके रग-रग में अपराध भरा रहा है. अपराध के अलावा कुछ सीखा नहीं है. पूरा प्रदेश इस बात को जानता है. आज सफाई देने आए हैं. उन्होंने कहा कि इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे.
उनके बयान पर सपा के विधायकों ने आपत्ति जताई और हंगामा शुरू कर दिया. इस बयान के क्रम में सीएम योगी ने सवाल किया कि अतीक अहमद को सांसद किसने बनवाया. मुख्यमंत्री के बयान पर समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने विरोध शुरू किया. अखिलेश यादव ने योगी के लहजे पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह क्या भाषा है. अखिलेश ने चर्चा के दौरान टोकते हुए कहा कि बीजेपी का बीएसपी से मिलीभगत है, इसलिए वह सिर्फ सपा का नाम ले रहे हैं. उन्होंने हंगामे के दौरान सवाल किया कि अभी सरकार किसकी है?
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