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इन 3 बुजुर्ग मंत्रियों पर CM योगी ने जताया भरोसा, जानें वजह - 3 elderly ministers

योगी मंत्रिमंडल 2.0 में अबकी नारी शक्ति के साथ ही युवा ऊर्जा और बुजुर्ग नेताओं के तजुर्बे को भी तरजीह दी गई है. यही कारण है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने इस मंत्रिमंडल में 3 बुजुर्ग विधायकों को मंत्री बनाकर उनपर भरोसा जताया है. आइए जानते हैं कि कौन है योगी मंत्रिमंडल के 3 उम्रदराज मंत्री...

CM Yogi Adityanath expressed confidence in these 3 elderly ministers
इन 3 बुजुर्ग मंत्रियों पर CM योगी ने जताया भरोसा, जानें वजह

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Published : Mar 26, 2022, 10:07 AM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी क्रिकेट स्टेडियम में 25 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में 18वीं व‍िधानसभा का शपथ ग्रहण समाारोह हुआ. ज‍िसमें योगी आदित्‍यनाथ ने लगातार दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली तो वहीं, केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. वहीं, इस दौरान 52 व‍िधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. हालांकि, इस सरकार में अबकी नारी शक्ति के साथ ही युवा ऊर्जा और बुजुर्ग नेताओं के तजुर्बे को भी तरजीह दी गई. यही कारण है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने इस मंत्रिमंडल में 3 बुजुर्ग विधायकों को मंत्री बनाकर उनपर भरोसा जताया है.

लक्ष्मी नारायण चौधरी:71 वर्षीय लक्ष्मी नारायण चौधरी योगी सरकार 2.0 में सबसे अधिक उम्र के मंत्री हैं. 1985 में पहली बार चौधरी लक्ष्मी नारायण ने विधानसभा में कदम रखा था. तब उन्होंने लोकदल के टिकट पर छाता से भाजपा के किशोरी श्याम को हराया था. 1989 का चुनाव वह जनता दल के टिकट पर लड़े और भाजपा के किशोरी श्याम से हार गए तो 1993 के चुनाव में वो गोकुल से जनता दल के टिकट पर लड़े और फिर उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. इसके उपरांत 1996 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए और छाता से दूसरी बार विधायक बने. लेकिन 2002 के चुनाव में अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए रालोद के तेजपाल सिंह से चुनाव हार गए थे.

मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी

वहीं, 2007 में वो फिर से छाता से बसपा के टिकट पर तीसरी बार विधायक बने. इसके बाद 2012 में बसपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे लेकिन उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा. हालांकि, 2017 आते-आते वो बसपा से भाजपा में चले आए और 2017 व 2022 वो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और उन्हें जीत हासिल हुई. बता दें कि लक्ष्मी नारायण चौधरी पहले भी 1996, 2004 व 2017 में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.

सूर्य प्रताप शाही:70 साल के सूर्य प्रताप शाही का जन्म 1952 में देवरिया जिले के पथरदेवा के पकहा गांव में हुआ था. उन्होंने बीआरडी पीजी कॉलेज से स्नातक में उत्तीर्ण करने के बाद बीएचयू से एलएलबी की पढ़ाई की. सूर्य प्रताप का सियासी सफर छात्र जीवन से शुरू हुआ था. उन्होंने छात्र जीवन में भी चुनाव लड़ा था. शाही के चाचा रविंद्र किशोर शाही भारतीय जनसंघ के प्रदेश अध्यक्ष और 1977 से 1979 तक उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी थे. सूर्य प्रताप शाही 1985 में पहली बार कसया से विधायक चुने गए. उसके बाद 1991 और 1996 में भी चुनाव जीते.

मंत्री सूर्य प्रताप शाही

इस दौरान वह प्रदेश सरकार में गृह राज्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और आबकारी मंत्री के पद पर रहे. शाही भाजपा के दो बार प्रदेश उपाध्यक्ष व 2011 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी बने थे. वहीं, 2012 में पथरदेवा सीट से शाही चुनाव हार गए थे. लेकिन 2017 में चुनाव जीतने के बाद उन्हें प्रदेश सरकार में कृषि, कृषि शिक्षा व कृषि अनुसंधान मंत्री बनाया गया था और एक बार फिर से उन पर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भरोसा जताया है.

मंत्री गुलाबो देवी

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गुलाबो देवी: 67 साल की गुलाब देवी योगी मंत्रिमंडल की सबसे उम्रदराज महिला मंत्री हैं. गुलाबो देवी ने 1991 में भाजपा का दामन थामा था और विधानसभा का चुनाव लड़ कर संभल जिले की चंदौसी सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनी थीं. इसके बाद दोबारा 1996 में वो विधायक चुनी गईं और कल्याण सिंह की सरकार में पहली बार राज्य मंत्री बनाई गईं. गुलाबो देवी इस सीट से 5 बार विधायक चुनी जा चुकी हैं और 2017 में योगी कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाई गई थीं.

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